Navratri 2022 Day 9: शारदीय नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर को प्रारंभ हुआ था. जो कि अब समापन की ओर है.  नवरात्रि में मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना करने की परंपरा है. इसके साथ ही नवरात्रि में नवमी (Navmi 2022) तिथि का विशेष महत्व माना गया है. आपको बता दें कि इस बार नवमी (Navmi Date) तिथि 4 अक्टूबर दिन मंगलवार को पड़ रही है. इस दिन मां सिद्धिदात्री ( Maa Sidhidatri ) की विधि विधान से पूजा की जाती है. 

इसके बाद 5 अक्टूबर को दशहरा पूजन या​नि विजया दशमीं के साथ नवरात्रि पर्व का समापन हो जाएगा. यदि आप भी मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कर के उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि मां ​सिद्धिदात्री का पूजन कैसे करना चाहिए.

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महानवमीं की पूजा विधि maha navmi 2022

नवरात्रि पर्व के आखिरी दिन महानवमी के अवसर पर मां सिद्धीदात्री का पूजन किया जाता है. इस दिन मां सिद्धिदात्री के बाद अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती है. इस दिन पूजन के लिए सबसे पहले मां की चौकी पर मां सिद्धिदात्री की तस्वीर या मूर्ति रखें, फिर विधि विधान से मां सिद्धिदात्री का पूजन करें. मां सिद्धिदात्री के पूजन में पुष्प, अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध, फल आदि का इस्तेमाल अवश्य करें.

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मां सिद्धिदात्री का भोग — maa sidhhidatri ka bhog

मां सिद्धिदात्री के पूजन के बाद तिल का भोग लगाना चाहिए. मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग  लगाना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा करने से जीवन में आने वाली समस्याएं टल जाती हैं और घर में सुख समृद्धि का आगमन होता है. आपको बता दें कि मां सिद्धदात्री को सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली देवी माना जाता है. वहीं मां की पूजा ब्रह्म मुहुर्त में करना अत्यंत शुभ होता है.

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मां सिद्धिदात्री का मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

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पूजा के बाद कथा और आरती जरूर करें

किसी भी पूजा के बाद कथा और आरती करना शुभ माना गया है. तो ऐसे में पूजा समाप्त करने के बाद जब आप कथा और आरती करते हैं, तो इससे मां प्रसन्न होती ैहैं और उनकी विशेष कृपा आप पर व आपके घर पर होती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.