Navratri 6th Day: नवरात्रि का छठवां दिन मां कात्यायनी ( Maa Katyayani) को समर्पित माना गया है. मां कात्यायनी के स्वरूप की बात करें, तो माता रानी का स्वरूप अत्यंत भव्य व चमकीला है. मां की चार भुजाएं हैं और मां का वाहन सिंह हैं. मां की उपसना ( Maa Katyayani Puja Benefits) से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. मां की कृपा से रुके हुए काम भी संभव हो जाते हैं. इसके साथ ही जीवन में शुभ योग बनना शुरू हो जाते हैं. साथ ही साथ शादी ( Marriage) में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं. तो चलिए जानते हैं, नवरात्रि के छठवें दिन की शुभ मुहूर्त, भोग, मंत्र व आरती-

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शुभ मुहूर्त (Maa Katyayani Puja Shubh Muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त          – 04:35 Am से 05:22 Am

अभिजित मुहूर्त  – 11:47 Am से 12:34 Pm

विजय मुहूर्त       – 02:09 Pm से 02:57 Pm

गोधूलि मुहूर्त      – 05:55 Pm से 06:19 Pm

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मां कात्यायनी मंत्र (Maa Katyayani Mantra)

ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥

मां कात्यायनी का प्रार्थना मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

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मां कात्यायनी की पूजा का महत्व ( Maa Katyayani Puja Mahatva)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां कात्यायनी की पूजा– अर्चना करने से विवाह में आने वाली सभी बाधाएं समाप्त होती हैं. मां कात्यायनी की पूजा करने से कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है. मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाना बहुत शुभ माना गया है, इससे आपको सुंदर रूप की प्राप्ति होती है. मां कात्यायनी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करने से आपके आस पास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. मां कात्यायनी की कृपा से स्वास्थ्य संबंधित समस्त समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है.

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मां कात्यायनी की आरती- ( Maa Katyayani Arti )

जय-जय अम्बे जय कात्यायनी

जय जगमाता जग की महारानी

बैजनाथ स्थान तुम्हारा

वहा वरदाती नाम पुकारा

कई नाम है कई धाम है

यह स्थान भी तो सुखधाम है

हर मंदिर में ज्योत तुम्हारीमा

कही योगेश्वरी महिमा न्यारी

हर जगह उत्सव होते रहते

हर मंदिर में भगत हैं कहते

कत्यानी रक्षक काया की

ग्रंथि काटे मोह माया की

झूठे मोह से छुडाने वाली

अपना नाम जपाने वाली

बृहस्‍पतिवार को पूजा करिए

ध्यान कात्यायनी का धरिए

हर संकट को दूर करेगी

भंडारे भरपूर करेगी

जो भी मां को ‘चमन’ पुकारे

कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.