Chhath Puja 2022: भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ पूजा (Chhath Puja) खास पर्व की तरह मनाया जाता है. नहाय-खाए शुरू होकर इस पूजा को 3-4 दिनों तक मनयाा जाता है. इस साल छठ पूजा 28 अक्टूबर से शुरू हो रही है और 31 अक्टूबर को समापन होगा. 30 अक्टूबर की शाम को सूर्य देव की पूजा होगी और 31 अक्टूबर को सुबह के समय पूजा होगी. उगते सूर्य को दूध से अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जाएगी. मगर इन सबमें नहाय खाय से त्योहार की शुरुआत होती है लेकिन ये होता क्या है और इसका छठ पूजा में क्या महत्व है, चलिए बताते हैं.

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क्या होता है नहाय-खाय?

छठ पूजा बहुत ही कठिन होती है और इसमें सख्त नियम भी होते हैं. ये नियम छठ पूजा करने वाले घरों में सख्ती के साथ निभाए जाते हैं और जो ऐसा नहीं करता है उनसे मां छठी रूठ जाती हैं.

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छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, इसका मतलब ये होता है कि इस दिन घर की सफाई अच्छे से कर दी जाती है. इसके बाद घर में बाहर का खाना नहीं आ सकता, लहसुन-प्याज नहीं बन सकता और हरी सब्जी खाई जाती है. जो लोग छठ का व्रत रखते हैं वे सुबह बाल धुलकर नहाते हैं और बाहर की कोई चीज नहीं खाते.

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नाश्ते में फल खाते हैं और दिन में लौकी-चने की सब्जी ही खाते हैं. इसके अलावा यही सब्जी रात के खाने में भी खाया जाता है. व्रत रखने वाले को इसी दिन से लहसुन-प्याज से दूरी बनानी चाहिए और उसे बनाने से भी बचना चाहिए. घर का वातावरण पूरी तरह से शुद्ध करना जरुरी होता है और व्रत रखने वालों को जमीन पर सोना चाहिए.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.