Chhath Puja Rule: भारत के पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ पूजा (Chhath Puja) खास पर्व की तरह मनाया जाता है. नहाय-खाए शुरू होकर इस पूजा को 3-4 दिनों तक मनयाा जाता है. इस साल छठ पूजा 28 अक्टूबर से शुरू हो रही है और 31 अक्टूबर को समापन होगा. 30 अक्टूबर की शाम को सूर्य देव की पूजा होगी और 31 अक्टूबर को सुबह के समय पूजा होगी. उगते सूर्य को दूध से अर्घ्य देकर छठ पूजा की समाप्ति की जाएगी. अगर आपके घर में यह पूजा होती है तो आपको सावधानियां बरतनी चाहिए जिससे पूजा में कोई परेशानी ना खड़ी हो.
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छठ पूजा में भूलकर भी ना करें ये गलतियां
छठ पूजा में विशेष रूप से सूर्य देव को पूजा जाता है. ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की कृपा से घर मे धन्य-धान्य का भंडार बना रहता है. छठी मइया संतान प्रदान करती हैं और सूर्य जैसी श्रेष्ठ संतान के लिए भी यह उपवास रखा जाता है. छठ पूजा को सबसे कठिन व्रत माना जाता है और इसके नियम भी बहुत कठोर हैं. इस दौरान इन चीजों से बचना चाहिए.
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1. सूर्य देव को जिस बर्तन से अर्घ्य देते हैं वो चांदी, स्टेनलेस, स्टील, ग्लास या प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए. इसके लिए तांबे का लोटा या गिलास चलेगा.
2. छठ पूजा का प्रसाद उस जगह नहीं बनाना चाहिए जहां आमतौर पर आप खाना बनाती हैं. पूजा का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही पकाने की कोशिश करें.
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3. छठ व्रतियों को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए और व्रत करने वाली महिलाओं को फर्श पर चादर बिछाकर ही सोना चाहिए.
4. बिना हाथ धोए पूजा के किसी प्रसाद को नहीं छुएं. बच्चों को छठ पूजा का प्रसाद जूठा नहीं करने दें जब तक छठ पर्व पूरा ना हो जाए.
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5. छठ पूजा में व्रत रख रहने वाले लोगों को अपशब्द या अभद्र भाषा का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर आप व्रती हैं तो बिना सूर्य को अर्घ्य दिए जल या भोजन ग्रहण ना करें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.