Chhath Puja Rules: इस वर्ष छठ पूजा का महापर्व 28 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर तक चलने वाला है. इस त्योहार का उत्तर भारत में विशेष महत्व माना जाता है. आपको बता दें कि हमारे देश में जितने भी व्रत किए जाते हैं, उनमें सबसे कठिन व्रतों में छठ पूजा का व्रत शामिल है. छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती है. छठ-पूजा के अवसर पर कई प्रकार की सावधानी बरतनी पड़ती है. ऐसे में पहली बार इस व्रत को धारण करने वाले लोगों को कुछ काम और नियमों के बारे में जान लेना चाहिए. तो चलिए जानते हैं.

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पहली बार व्रत धारण करने वाले लोगों के लिए आवश्यक जानकारी 

1. छठ पूजा के अवसर पर सूर्य को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ और कल्याणकारी माना गया है. ऐसे में कभी भी स्टील के कलश का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि तांबे का इस्तेमाल बहुत ही शुभ माना जाता है.

2- छठ पूजा के अवसर पर साफ सफाई और पवित्रता का विशेष ख्याल रखा जाता है. इसलिए पहले से ही इन चीजों की व्यवस्था कर लें, ताकि पूजा के दिनों में आपको किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

3- छठ पूजा के दिनों में व्रती को पलंग या चारपाई पर नहीं सोना चाहिए. ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है. बल्कि इन दिनों में जमीन पर साफ सुथरा कपड़ा बिछाकर उसी पर सोना चाहिए. 

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4- छठ पूजा पर व्रत प्रारंभ करने से कुछ देने पहले से व्रती को लहसुन, प्याज, मांस वगैरह का सेवन बंद कर देना चाहिए. इसके साथ ही साथ घर के सदस्यों को भी इन चीजों के सेवन को लेकर सख्त मना कर देना चाहिए.

5- छठ पूजा के अवसर पर साफ सफाई और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है, इसलिए प्रसाद बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए. बिना शुद्ध हुए प्रसाद नहीं छूना चाहिए.

6- छठ पूजा के दिनों में रोजाना साफ सुथरे या नए वस्त्र धारण करने चाहिए.

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7- छठ पूजा का प्रसाद तैयार करने में गाय का शुद्ध देशी घी का इस्तेमाल करना चाहिए.

8- छठ पूजा में भूलकर भी शीशे और स्टील के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि इसकी जगह पर हमें बांस की बनी टोकरी का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)