प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार, 15 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत के G20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया. यह बैठक भारत की अध्यक्षता में 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक होगी. इस बीच, सभी देशों में लगभग 200 बैठकें होंगी और प्रत्येक देश की राजधानी में कम से कम एक बैठक होगी. इस बैठक के माध्यम से भारत को वैश्विक एजेंडा को आकार देने में अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा.

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G20 में कौन-कौन से देश शामिल हैं?

G20 एक ऐसा मंच है जिसमें दुनिया की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाली 19 देश के साथ यूरोपीय संघ (EU ) देश शामिल हैं. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम (UK). स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है.

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G20 का मुख्य उद्देश्य

प्रमुख विकसित देशों और दुनिया भर की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सामूहिक कार्रवाई और समावेशी सहयोग के महत्व को स्वीकार करना हमेशा जी20 का मुख्य उद्देश्य रहा है. आज दुनिया को इसकी पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है. वैश्विक महामारी ने स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार तक समाज के हर पहलू को प्रभावित किया है. साथ ही, संकटों को दूर करने के लिए देशों की क्षमताओं में अंतर दुनिया को उन आम समस्याओं और संकटों पर पूरी तरह से नियंत्रण करने से रोक रहा है जिनका हम अभी सामना कर रहे हैं.

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इंडोनेशिया अपने G20 2022 प्रेसीडेंसी के लिए तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा

वैश्विक स्वास्थ्य संरचना (Global health infrastructure)

स्थायी ऊर्जा संक्रमण (Sustainable energy transition)

डिजिटल परिवर्तन (Digital transformation)