यूरोप की प्रमुख विमानन कंपनी एयरबस (Airbus) और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स गुजरात के वडोदरा में भारतीय वायु सेना के लिए C-295 एयरक्राफ्ट (C-295 Transport Aircraft) का निर्माण करेंगे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 30 अक्टूबर 2022 को वडोदरा में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब C-295 एयरक्राफ्ट का निर्माण यूरोप के बाहर होने जा रहा है. इस लेख में हम आपको इस एयरक्राफ्ट की खासियतों के बारे में बताएंगे.

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C-295 एयरक्राफ्ट से जुड़ी खास बातें जानें

1. C-295 M एक ट्विन-टर्बोप्रॉप ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है. ये पिछले CN-235 ट्रांसपोर्टर का एक अपग्रेड है, जिसमें एक विशिष्ट हाई-विंग और रियर-लोडर डिजाइन है.

2. C-295 विमान छोटे रनवे पर अपनी छोटी टेक ऑफ और लैंडिंग क्षमता के लिए जाना जाता है.

3. C-295 की पे-लोड क्षमता 10,000 किलोग्राम तक है यानी कि ये विमान लगभग 10 टन का वजन लेकर उड़ सकता है.

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4. C-295 केवल 670 मीटर के टेक-ऑफ से उड़ान भर सकता है और 320 मीटर के लैंडिंग रन से उतर सकता है.

5. C-295 छोटे टेक ऑफ और लैंडिंग क्षमता के चलते दुर्गम जगहों तक सैनिकों और सामान को ट्रांसपोर्ट कर सकता है.

6. C-295 एयरक्राफ्ट लगातार 11 घंटे तक उड़ान जारी रख सकता है.

7. C-295 विमान में 70 सैनिक ट्रूप्स, 50 पैराट्रूपर्स और 5 पैलेट की भार क्षमता है.

8. C-295 एयरक्राफ्ट को वीआईपी ट्रांसपोर्ट, मेडिकल एग्जिक्यूशन, सैन्य संचालन, हवा से हवा में ईंधन भरने के साथ-साथ नागरिक और मानवीय मिशन के लिए कॉन्फ़िगर किया जा सकता है.

9. हर तरह के ट्रांसपोर्ट के लिए उपयोगी है C-295

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आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, विमान में एक रिमूवेबल रिफ्यूलिंग सिस्टम मौजूद होता है. इसका वजन लगभग 1500 किलोग्राम होता है. ये 3 अतिरिक्त फ्यूल टैंक, एक ऑपरेटर कंसोल और 100 फीट लंबी होज ड्रम यूनिट से लैस होता है. स्पेन ने मार्च 2020 में कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए कैनरी द्वीप समूह को मेडिकल आपूर्ति पहुंचाने के लिए 2 C-295 टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट विमान तैनात किए थे.