भारत (India) और ब्रिटेन (Britain) के बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने इस साल अप्रैल में उम्मीद जताई थी कि दीवाली 2022 (Diwali 2022) तक भारत और ब्रिटेन के बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) हो जाएगा. इस समय लिज ट्रस (Liz Truss) ब्रिटेन की प्रधानमंत्री हैं और उनके प्रवक्ता ने भी इस दिशा में एक बड़ा बयान दिया है. ऐसा कहा गया है कि दिवाली तक भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो सकता है.

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जारी बयान में कहा गया कि हां हम लोग भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट चाहते हैं. ऐसा होने पर भारत के मध्यम वर्ग को जरूरी सप्लाई यूनाइटेड किंगडम द्वारा दी जाएगी. ब्रिटेन की तरफ से ये बयान उस समय आया है जब दिवाली कुछ ही दिन दूर है. आपको मालूम हो कि दोनों देश कई मुद्दों पर पहले ही चर्चा कर सहमति जता चुके हैं. ऐसे में इंतजार है तो बस औपचारिक एलान का. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि ‘फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ भारत और ब्रिटेन के लिए क्यों मायने रखता है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय भारत और ब्रिटेन का 50 बिलियन डॉलर का ट्रेड चल रहा है. महत्वकांक्षी लक्ष्य की बात करें तो वह 100 बिलियन डॉलर का रखा गया है. ऐसे में ये लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब दोनों देशों के बीच बिना किसी रूकावट के ट्रेड हो सके.

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क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट? (What is Free Trade Agreement?)

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को तो बढ़ाया जाता ही है, इसके साथ-साथ आयात और निर्यात में भी जो रुकावटें रहती हैं उन्हें समाप्त करना होता है. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में सब्सिडी, कोटा, टैरिफ को भी कम कर दिया जाता है. इसका फायदा दोनों ही देशों को मिलता है. भारत के लिहाज से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने पर एक्सपोर्ट सेक्टर में बड़ी ग्रोथ देखने को मिल सकती है. इसके अतिरिक्त एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. वहीं, इस एग्रीमेंट के होने पर दोनों देशों में रोजगार के अवसर कई गुना बढ़ जाएंगे.