सरकार ने दिवाली के मौके पर रेलवे कर्मचारियों के लिए हर साल की तरह इस साल भी बोनस देने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता हुई कैबिनेट बैठक में रेल कर्मचारियो के लिए फैसला लिया गया है. रेलवे कर्मचारियों को इस बार भी 78 दिनों का बोनस को मंजूरी दी गई है. केंद्र सरकार के इस फैसले से रेल कर्मचारियों में खुशी है हालांकि, वह काफी समय से बोनस के लिए इसकी निर्धारित गणना को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार इस बार भी बढ़ाने के मुड में नहीं है.

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आपको बता दें, रेलवे में उत्पादकता से जुड़ा बोनस पूरे देश में फैले सभी नॉन गजटेड रेलवे कर्मचारियों को कवर करता है. पहले 72 दिन के वेतन के बराबर बोनस दिया जाता था लेकिन बीते कुछ सालों से 78 दिनों के वेतन के आधार पर बोनस दिया जा रहा है.

सरकार की ओर से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पात्र कर्मचारियों को बोनस के भुगतान के लिए निर्धारित वेतन गणना की सीमा 7,000 रुपये प्रतिमाह है. प्रति पात्र रेल कर्मचारी के लिए 78 दिनों की इस फैसले से रेलवे पर करीब 1832 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगाअधिकतम देय राशि 17,951 रुपये है.

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यानी एक रेलवे कर्मचारी के एक महीने (30 दिन) के हिसाब से 7000 रुपये बोनस बनता है. ऐसे में 78 दिन के लिए कर्मचारियों को 17951 रुपये बोनस मिलेगा. ये हर कर्मचारी के लिए एक जैसा है यानी सभी के लिए गणना 7000 रुपये के बेस पर ही किया जाएगा.

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वहीं, अनुराग ठाकुर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि फिलहाल, 11.27 लाख अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को पीएलबी राशि का भुगतान किया जा चुका है.