Nelson Mandela International Day: दुनिया में कई ऐसे महान लोग हुए जिनके नाम पर खास दिन मनाए जाते हैं. उन लोगों ने अपने काम से दुनियाभर में पहचान तो बनाई साथ में उनके किस्से स्कूल-कॉलेज में पढ़ाए जाने लगे. अगर दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मंडेला की बात करें तो वो और उनके विचार आज भी कायम है. शांति और रंगभेद के खिलाफ पूरा जीवन समर्पित करने वाले नेल्सन मंडेला का 18 जुलाई को जन्मदिन पड़ता है. उनके जन्मदिन के मौके को नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाते हैं. इस दिन का इतिहास क्या है और नेल्सन मंडेला कौन थे चलिए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.

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क्यों मनाया जाता है Nelson Mandela International Day?

18 जुलाई के दिन नेल्सन मंडेला दिवस इसलिए मनाते हैं क्योंकि इसी तारीख को उनका जन्म हुआ था. Nelson Mandela International Day सबसे पहले 18 जुलाई 2010 मनाया गया और इस दिन को संयुक्त राष्ट्र ने साल 2009 में इंटरनेशनल स्तर पर मनाने की घोषणा की. नेल्सन मंडेला डे को मनाने का मकसद ये है कि उन्होंने अपना पूरा जीवन रंगभेद के खिलाफ और शांति के लिए संघर्ष में बिता दिया. ऐसे में इस दिन का मकसद लोगों को गरीबी से लड़ने, सांस्कृतिक विविधता और दुनिया भर में शांति से सुलह करने के लिए प्रोत्साहित करना बताया गया. नेल्सन मंडेला ने भी उम्रभर इन्हीं सिद्धांतों पर अपना जीवन बिताया. नेल्सन मंडेला ने सामाजिक न्याय के लिए 67 साल लड़ाई लड़ी इसलिए इस दिन जगह-जगह 67 मिनट तक देश के लिए कुछ अच्छा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने करते हैं.

Nelson Mandela International Day
नेल्सन मंडेला दिवस मनाने का कारण. (फोटो साभार: Pixabay)

कौन थे नेल्सन मंडेला? (Who was Nelson Madela)

18 जुलाई 1918 को साउथ अफ्रीका के Mvezo में नेल्सन मंडेला का जन्म हुआ था. इनके पिता गेडला हेनरी म्फाकेनिस्वा की तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी (जो एक मेथोडिस्ट थीं) से नेल्सन मंडेला हुए थे. नेल्सन मंडेला के पिता ने उनका नाम ‘रोलिह्लाला’ रखा था. इस नाम का मतलब पेड़ की डालियों को तोड़ने वाला या फिर प्यारा सा शैतान बच्चा होता है. इनके पिता म्वेजो जनजाति कस्बे के सरदार थे जहां की स्थानीय भाषा में सरदार के बेटे को मंडेला कहते हैं और यही उनके सरनेम के तौर पर हमेशा के लिए जुड़ गया. नेल्सन मंडेला अपने सभी भाईयों में तीसरे नंबर पर थे और अपनी मां के पहली संतान थे. 12 साल की उम्र में नेल्सन मंडेला ने अपने पिता को खो दिया था जिसके बाद उनके ऊपर कुछ जिम्मेदारियां आ गई थीं.

मंडेला की शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल और मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से पूरी हुई. हेल्डटाउन से उन्होंने ग्रेजुएशन किया जिस कॉलेज में अश्वेतों के लिए बनाया गया था. शिक्षा पूरी होने के बाद जोहान्सबर्ग में वो रहने लगे जहां उन्होंने नौकरियां भी की. नेल्सन मंडेला ने तीन शादियां की और सभी का साथ आखिरी तक दिया. इन शादियों से उन्हें 6 संताने थीं और आगे चलकर उनके 17 पोते पोतियां हुए. साल 1944 में उन्होंने अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए और यहीं से उनकी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. इसी तरह उनका करियर चलता रहा और 10 मई 1994 को वो बहुत से साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति बन गए. साल 2013 में नेल्सन मंडेला का निधन साउथ अफ्रीका में ही हुआ.

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