पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने मालेरकोटला को पंजाब का 23वां जिला घोषित किये जाने पर उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ के ”भड़काऊ” ट्वीट की आलोचना करते हुए इसे शांतिपूर्ण राज्य में ”सांप्रदायक घृणा” उत्पन्न करने का प्रयास बताया. सिंह ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा ”विभाजन” को बढ़ावा दिये जाने की तुलना पंजाब के सांप्रदायिक सद्भाव से करते हुए कहा कि आदित्यनाथ को उनके राज्य के मामलों से दूर रहना चाहिये क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुकाबले पंजाब के हालात बहुत बेहतर हैं.

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आदित्यनाथ ने ट्वीट किया था, ”मत और मजहब के आधार पर किसी प्रकार का विभेद भारत के संविधान की मूल भावना के विपरीत है. मलेरकोटला (पंजाब) का गठन किया जाना कांग्रेस की विभाजनकारी नीति का परिचायक है.”

सिंह ने ईद के मौके पर पंजाब के एकमात्र मुस्लिम बहुल कस्बे मलेरकोटला को राज्य का 23वां जिला घोषित किया था, जिसके बाद आदित्यनाथ ने यह ट्वीट किया.

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पंजाब के मुख्यमंत्री ने आदित्यनाथ के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा, ”पंजाब के आचारों या मलेरकोटला के इतिहास के बारे में वह (योगी आदित्यनाथ) क्या जानते हैं? जिसके सिख धर्म और उसके गुरुओं के साथ संबंध के बारे में हर पंजाबी वाकिफ है. भारतीय संविधान के बारे में वह क्या जानते हैं, जिसका उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार दिन-प्रतिदिन बेशर्मी के साथ अपमान कर रही है.”

सिंह ने आदित्यानाथ की टिप्पणी का मखौल उड़ाते हुए कहा कि ”सांप्रदायिक नफरत” फैलाने के योगी आदित्यनाथ सरकार और भाजपा के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए ऐसी टिप्पणी अवांछित और अनुचित होने के साथ-साथ हास्यास्पद भी लगती है.

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सिंह ने यहां एक बयान में कहा, ”पूरी दुनिया भाजपा की सांप्रदायिक विभाजन की नीतियों से वाकिफ है . विशेषकर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार में.”