कोरोना वायरस महामारी के संकट के बीच म्यूकोमाइकोसिस (Mucormycosis) जिसे Black Fungus भी कहा जाता है, इससे काफी लोग पीड़ित है. इन दिनों म्यूकोमाइकोसिस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. एम्स के डायेरक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया है कि कई राज्यों में म्यूकोमाइकोसिस के 500 से अधिक मामलों की सूचना दी गई है.

समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि, म्यूकोमाइकोसिस के बीजाणु मिट्टी, हवा और यहां तक कि भोजन में भी पाए जाते हैं. लेकिन वे कम विषैले होते हैं और आमतौर पर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं. कोविड से पहले इस संक्रमण के बहुत कम मामले थे. लेकिन अब कोविड के कारण बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि एम्स में इस फंगल इंफेक्शन के 23 मरीजों का इलाज चल रहा है. उनमें से 20 अभी भी कोरोना पॉजिटिव हैं और बाकी कोरोना निगेटिव हैं. कई राज्यों में म्यूकोमाइकोसिस के 500 से अधिक मामलों की सूचना दी गई है.

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गुलेरिया ने कहा, यह रोग चेहरे, नाक, आंख या मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है, जिससे आखों की रोशनी भी जा सकती है. यह फेफड़ों में भी फैल सकता है.

रणदीप गुलेरिया ने बताया, इस संक्रमण के पीछे स्टेरॉयड का दुरुपयोग एक प्रमुख कारण है. डायबिटिज, कोरोना पॉजिटिव और स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों में फंगल संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. इसे रोकने के लिए हमें स्टेरॉयड के दुरुपयोग को रोकना चाहिए.

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