Who was Dr. Muthulakshmi Reddy: भारत में कई ऐसे पुरुष और महिलाएं हुए जिन्होंने देश की प्रगति और कल्याण के लिए बहुत से अच्छे काम किये. उनमें से एक डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी थीं जिनकी आज 136वीं जयंती है. 30 जुलाई 1886 को तमिलनाडु के पुडुकोट्टई में डॉ रेड्डी का जन्म हुआ था. डॉ रेड्डी एक साधारण परिवार से थीं और उन्होंने उस दौर में डॉक्टर की पढ़ाई की जब महिलाओं को घर से निकलने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती थी. डॉ रेड्डी की याद में तमिलनाडु में हर साल इसी दिन Hospital Day मनाया जाता है. चलिए आपको बताते हैं डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बारे में कुछ अनसुनी बातें.

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कौन थीं डॉ मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी? (Who was Dr. Muthulakshmi Reddy)

डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने अपना जीवन लोगों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाने में समर्पित कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने लिंग भेद और महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने की लड़ाई भी जारी रखी. साल 1912 में वह भारत की पहली महिला सर्जन (India’s First Female Surgeon) बनी थीं. साल 1927 में ब्रिटिश विधानसभा में भारत की पहली महिला भी उन्हें चुना गया. दांडी यात्रा में महात्मा गांधी की गिरफ्तारी का विरोध के दौरान उन्होंने इस्तीफा दिया था. उन्होंने महिला उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई और महिलाओं की शिक्षा के लिए साल 1931 में अव्वाई होम स्थापित किया था. साल 1954 में चेन्नै में कैंसर इंस्टिट्यूट भी बनाया और साल 1956 में उन्हें पद्मभूषण से नवाजा गया.

डॉ मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 30 जुलाई 1886 को तमिलनाडु में हुआ था. उनके पिता एस नारायण स्वामी चेन्नई के महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल थे. मुथुलक्ष्मी के माता-पिता बहुत कम उम्र में उनकी शादी कराना चाहते थे लेकिन उन्होंने विरोध किया और अपनी डॉक्टर की पढ़ाई पूरी की. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान उनकी दोस्ती एनी बेसेंट और सरोजनी नायडू से हुई थी. डॉ रेड्डी की बहन की मौत कैंसर से हुई जिससे उन्हें गहरा सदमा लगा. साल 1954 में उन्होंने इसी वजह से कैंसर इंस्टिट्यूट बनाया जिसमें कैंसर के मरीजों का सस्ते में इलाज होता है. समाज की बेहतरी के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाली डॉ मुथुलक्ष्मी का निधन 22 जुलाई 1968 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था.

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