मोहम्मद हामिद अंसारी (Mohammad Hamid Ansari) भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति है. उनका जन्म कोलकाता में 1 अप्रैल 1937 को हुआ था. उनका परिवार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजीपुर का रहने वाला था. उनके पिता का नाम मोहम्मद अब्दुल अजीज अंसारी और माता का नाम आसिया बेगम है. हामिद अंसारी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ आर्ट और डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री प्राप्त की. एशियानेट न्यूज़ के अनुसार, वर्ष 1961 में अंसारी भारतीय विदेश सेवा में शामिल हो गए. उन्होंने जेद्दा, रबात, बगदाद और ब्रुसेल्स में कार्य किया.

यह भी पढ़ें: दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी में है सरकार, आपका भी अकाउंट है तो जान लें

वह अरब अमीरात में 1976 से लेकर 1979 तक भारत के राजदूत रहे. इसके बाद हामिद अंसारी 985 से लेकर 1989 तक ऑस्ट्रेलिया में राजदूत रहे. इसके अलावा उन्होंने 1990 से लेकर 1992 तक ईरान में भी भारत के राजदूत के तौर पर काम किया. फिर वह अरब में 1995 से लेकर 1999 तक भारत के राजदूत रहे. हामिद अंसारी ने 26 जनवरी, 2022 यह कहकर नया मामला खड़ा कर दिया था कि भारत को धर्म के आधार पर अलग करने की प्रवृत्ति बढ़ी है.

यह भी पढ़ें: Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा से जुड़े सच्चे तथ्य, आपका जानना है जरूरी

पाकिस्तान के एक कॉलमिस्ट और पत्रकार नुसरत मिर्जा के दावों ने भारत की राजनीति में हलचल मचा दी है. यूट्यूबर शकील चौधरी के साथ बातचीत के दौरान नुसरत मिर्जा ने दावा किया है कि 2005 से 2011 के बीच वो तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और एक अंग्रेजी अखबार मिली गजट के संस्थापक जफरूल इस्लाम खान के न्योते पर भारत आए थे. इस दौरान नुसरत मिर्जा को भारत में कई खुफिया जानकारी मिली, जिसे उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को दिया. इसके बाद एक बार फिर से भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी सवालों के घेरे में.

यह भी पढ़ें: लखनऊ में पालतू डॉग पिटबुल ने ले ली महिला की जान, आखिर क्यों किया हमला?

बातचीत के दौरान नुसरत मिर्जा ने बताया कि मैंने भारत का दौरा 5 बार किया. 2005 में चंडीगढ़ का दौरा किया और 2006 में बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद गया. इसके बाद मैं पटना और कोलकाता और भारत की अन्य जगहों पर भी गया.मिर्जा के अनुसार, भारत में जिस समय कांग्रेस की सरकार थी. उस दौरान वो आतंकवाद पर हुए एक सेमिनार में शामिल होने के लिए भारत आए .

यह भी पढ़ें: श्रीलंका: राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे छोड़ेंगे पद, इस तारीख को देंगे इस्तीफा

उन्होने आगे कहा कि मुझे तब पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बुलाया था. लेकिन मुझे लगता है कि हमने कई सौ वर्ष तक भारत पर हुकूमत की है. हम वहां के हालात से अच्छे तरीके से परिचित है. हमको उनकी कमजोरियों और अच्छाइयों के बारे में भी जानकारी है. परन्तु मैंने भारत के बारे में जो भी जानकारी एकत्रित की थी. पाकिस्तान में उसका प्रयोग एक अच्छे नेतृत्व के न होने के कारण से नहीं हो पा रहा है.