नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन तोड़ने और विपक्ष के साथ नई सरकार बनाने पर अब प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया आई है. प्रशांत किशोर का कहना है कि उनकी आशा है कि कम से कम अब राज्य में राजनीतिक स्थिरता लौटे.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में जो कल हुआ या जो हो रहा है. मैं उसे 2012-13 से बिहार में जो राजनीतिक अस्थिरता को दौर शुरू हुआ है उस परिपेक्ष्य में देखता है. 10 साल में ये छठी बार सरकार बनाई जा रही है. मेरी आशा है कि कम से कम अब राज्य में राजनीतिक स्थिरता लौटे.”
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प्रशांत किशोर ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि अब बिहार में राजनीतिक स्थिरता लौट आएगी. नीतीश कुमार ने कहा है कि वह एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि वह बिहार के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे.”
किशोर ने आगे कहा, “मैं देख रहा हूं कि बिहार में राजनीतिक अस्थिरता के दौर के संदर्भ में अब क्या हो रहा है. 2013-14 के बाद से बिहार में सरकार बनाने का यह छठा प्रयास है. जब किसी की राजनीतिक या प्रशासनिक अपेक्षाएं पूरी नहीं होती हैं तो सरकारें बदल जाती हैं.”
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “राजनीतिक अस्थिरता का यह दौर पिछले 10 साल से चल रहा है और यह उसी दिशा में है. बिहार के नागरिक के रूप में, आप केवल यह उम्मीद कर सकते हैं कि ये गठबंधन चले.”
चुनाव रणनीतिकार किशोर ने कहा, “बिहार के लोग उम्मीद करेंगे कि यह नया गठन (जद (यू) और राजद) कायम रहे, और इसकी प्राथमिकताएं लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप होनी चाहिए. यह देखने की जरूरत है कि नई सरकार पिछली सरकार से बेहतर काम करेगी या नहीं.”
प्रशांत किशोर ने कहा, “मेरा मानना है कि बिहार में नवीनतम राजनीतिक घटनाक्रम राज्य के लिए विशिष्ट हैं. मुझे नहीं लगता कि यह देश में राष्ट्रीय स्तर पर वैकल्पिक विपक्ष बनाने के विचार से किया गया है.”
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नीतीश कुमार ने 10 अगस्त को 8वीं बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली. वहीं, उनके साथ तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. तेजस्वी यादव ने दूसरी बार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है.
बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के पास 45 सीटें हैं. वहीं, आरजेडी के पास 79 सीटे हैं. दोनों को मिला दें तो ये आंकड़ा 124 हो जाएगा. यानी 243 सीटों वाली विधानसभा में दोनों पार्टी अकेले ही बहुमत को पूरा कर रहे हैं. हालांकि, चूकी ये महागठबंधन की सरकार है ऐसे में नीतीश कुमार के साथ 7 पार्टियां साथ आ गई हैं और विधायकों की कुल संख्या 164 हो गई है. आपको बता दें, हिदुस्तान आवाम मोर्चा जो जीतनराम मांझी की पार्टी है वह भी एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल हो गई है.
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बिहार विधानसभा में राजनीतिक दलों की स्थिति कुछ इस प्रकार है :
कुल सदस्य : 243
प्रभावी संख्या : 242 (राष्ट्रीय जनता दल का एक सदस्य अयोग्य घोषित)
बहुमत की संख्या: 122
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महागठबंधन :
जनता दल (यूनाइटेड) : 46 (पार्टी के 45 विधायक, एक निर्दलीय)
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) : 79
कांग्रेस : 19
भाकपा-माले : 12
भाकपा : 02
माकपा : 02
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा : 04
कुल : 164
भारतीय जनता पार्टी : 77
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) : 01
यानी बिहार में बीजेपी अब अकेली ऐसी पार्टी रह गई है जो विपक्ष में बैठेगी. और बाकी सभी पार्टियां सरकार में शामिल हो गई हैं.