बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का कद भारतीय राजनीति में
बहुत ऊंचा है. बिहार के नालंदा जिले के कल्याण बीघा गांव में जन्में नीतीश ने अपनी
पढ़ाई राजधानी पटना से की. नीतीश कुमार पेशे से एक इंजीनियर हैं. उनके पिता
एक आयुर्वेदिक थे.

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नीतीश कुमार ने अपनी पढ़ाई पटना साइंस कॉलेज, पटना यूनिवर्सिटी
से की और यहीं से उन्होंने छात्र राजनीति में पहला कदम रखा. छात्र राजनीति में
सक्रिय होने के कारण उन्होंने छात्र संघ का चुनाव लड़ा, जहां लालू यादव
पटना विश्वविद्यालय के छात्र अध्यक्ष चुने गए, वही नीतीश कुमार छात्र संघ के मुख्य सचिव बने.

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लंबे समय तक छात्र राजनीति करने के बाद उन्होंने अपना विधानसभा चुनाव लड़ा. उन्होंने 1985 में अपनी विधानसभा हरनौत से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके
बाद उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ

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एक नजर डालते हैं नीतीश कुमार के राजनीतिक कार्यकाल पर:

1971: राम मनोहर लोहिया
के समाजवादी युवाजन सभा के सदस्य बने

1974: जेपी आंदोलन में
सक्रिय रूप से भाग लिया और जेल भी गए

1975: देश में आपातकाल के
दौरान फिर जेल गए

1985: पहली बार विधान सभा
का चुनाव जीता और विधायक बने

1987: लोक दाल के प्रदेश
अध्यक्ष बने

1989: बिहार जनता दल के
मुख्य सचिव बने और पहली बार बाढ़ से संसद बने

1990: केंद्रीय कृषि और
सहकारिता राज्य मंत्री बने

1995: जॉर्ज फनांडिस के
साथ समता पार्टी की नीव रखी

1999: केंद्रीय भूतल
परिवहन मंत्री बने

2000: केंद्रीय कृषि
मंत्री बने और पहले बार आठ दिनों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री बने हालाकिं वो
बहुमत साबित करने में असमर्थ रहें थे

2001: केंद्रीय रेल
मंत्री बने

2005: बीजेपी के साथ
सरकार बना कर दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपत ली

2010: फिर से बीजेपी के
मदद से तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपत ली

2014: बीजेपी के साथ
गठबंधन तोड़ दिया और 2014 के लोकसभा
के उन्हें करारी हार मिली जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया

2015: विधान सभा चुनाव से
पहले उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपत ली और महागठबंधन के साथ चुनाव लड़े
और जीते भी. उसी साल नीतीश कुमार ने चुनाव जीतने के बाद पांचवी बार मुख़्यमंत्री का
शपत लिया

2017: महागठबंधन से अलग
हो गए और बीजेपी के साथ मिलकर फिर से सरकार बनया और छठवीं बार मुख्यमंत्री पद का
शपत लिया

2020: बीजेपी के साथ
मिलकर विधान सभा का चुनाव लड़ा और जीत गए जिसके बाद उन्होंने सातवीं बार
मुख्यमंत्री का शपत लिया