उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ललितपुर (Lalitpur) में एक पुलिस थाने के प्रभारी ने 13 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के साथ कथित तौर पर फिर से बलात्कार किया, जब वह शिकायत दर्ज करने के लिए वहां गई थी.

किशोरी ने आरोप लगाया था कि उसके साथ चार लोगों ने बलात्कार किया है, जिसके बाद वह एक रिश्तेदार के साथ शिकायत दर्ज कराने थाने गई थी. 

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आरोपी अधिकारी थाना प्रभारी तिलकधारी सरोज को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. ललितपुर के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी के अनुसार, वह फरार है और पुलिस की तीन टीमें उसकी तलाश कर रही हैं. तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

जिस थाने में कथित घटना हुई थी वहां तैनात सभी पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से हटा दिया गया है. डीआईजी स्तर के अधिकारी मामले की जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट दाखिल करेंगे.

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लड़की के पिता ने मंगलवार को दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा था कि उसे चार लोगों ने बहकाया और 22 अप्रैल को भोपाल ले गए, जहां उन्होंने उसके साथ चार दिनों तक बलात्कार किया. इसके बाद आरोपी उसे वापस उसके गांव ले आए और कथित तौर पर भागने से पहले उसे संबंधित पुलिस थाने में छोड़ दिया. 

प्राथमिकी में कहा गया है कि आरोपी थाना प्रभारी ने लड़की को उसकी चाची को सौंप दिया, और कहा कि उसे बयान दर्ज करने के लिए अगले दिन पुलिस स्टेशन बुलाया गया था. अगले दिन, आरोपी अधिकारी लड़की को उसकी चाची की उपस्थिति में थाने के एक कमरे के अंदर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया. प्राथमिकी में किशोरी की चाची को भी आरोपी बनाया गया है. 

ललितपुर पुलिस ने कहा कि उन्होंने अधिकारी पर बलात्कार और कड़े POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत आरोप लगाया है.

ललितपुर के पुलिस प्रमुख निखिल पाठक ने एक बयान में कहा, “एसएचओ निलंबित है और वह एक नामित अपराधी हैं इसलिए हमने उसे गिरफ्तार करने के लिए टीमों का गठन किया है. एक एनजीओ लड़की को मेरे कार्यालय में लाया.  उसने उन्हें विवरण दिया था. मुझे इसकी सूचना के बाद, मैंने सुनिश्चित किया कि मामला दर्ज किया गया है.” 

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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने राज्य सरकार की खिंचाई की और कहा कि कथित बलात्कार की घटना से पता चलता है कि कैसे “बुलडोजर” के शोर में वास्तविक कानून व्यवस्था सुधारों को दबाया जा रहा है. 

प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट किया, “ललितपुर में एक 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार द्वारा बलात्कार की घटना दिखाती है कि “बुलडोजर” के शोर में कानून व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है. अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वो शिकायत लेकर जाएंगी कहां?”

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