बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से स्पष्ट करने को कहा कि क्या कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिये कैदियों के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना की वजह से चारधाम यात्रा स्थगित

पीटीआई के मुताबकि, कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से कैदियों को टीका देने से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि टीकाकरण के लिये कैदियों के पास दस्तावेज होने की अनिवार्यता एक ‘महत्वपूर्ण नीतिगत मामला है जिसका अखिल भारतीय प्रभाव होगा.’

यह भी पढ़ेंः यूपी पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से संक्रमित हुए उप जिलाधिकारी का निधन

चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जी एस कुलकर्णी की एक पीठ को जब यह बताया गया कि वैध आधार कार्ड नहीं होने की वजह से कई कैदियों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा तो पीठ ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से यह सवाल पूछा.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों कहा? ‘ऐसा लगता है केंद्र चाहता है लोग मरते रहें’

प्रदेश भर की जेलों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये पीठ ने स्वत: संज्ञान संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका पर यह सुनवाई की.

यह भी पढ़ेंः COVID-19 vaccine: 18+ के लिए registration शुरू, यहां क्लिक कर जानें पूरी प्रक्रिया