उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर (Rampur) की अदालत ने वरिष्ठ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता आजम खान (Azam Khan) को 2019 के चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण (Hate Speech) के मामले में दोषी करार दिया है. आजम खान के खिलाफ रामपुर की मिलक विधानसभा में भड़काऊ भाषण देने का मामला था. ये मामला 7 अप्रैल 2019 का है. लोक सभा के सामान्य निर्वाचन 2019 में मिलक विधानसभा के एक गांव में इन्होने भड़काऊ भाषण दिया था. यह फैसला एमपी एमएलए एडीजे प्रथम की अदालत में सुनाया गया.

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आपको बता दें कि आजम खान के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 80 से अधिक मामले पहले से ही दर्ज हैं और उन सभी में आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. मिलक क्षेत्र से जुड़े मामले में आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने एक संवैधानिक संस्था के खिलाफ बयान दिया और आचार संहिता का उल्लंघन किया. 

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क्या है मामला?

आजम खान पर 2019 में आम चुनाव के कैंपेन के दौरान पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को निशाना बनाकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था. उत्तर प्रदेश के रामपुर की अदालत ने आजम खान पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. 

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समाजवादी नेता आजम खान ने प्रधानमंत्री पर देश में ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया था जिसमें मुसलमानों का रहना मुश्किल हो गया है. 

बता दें कि आजम खान समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव के बाद नंबर दो नेता हैं. उनकी रामपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ है. आजम खान अपनी विधायकी भी खो सकते हैं. जब किसी भी विधायक को दो साल से अधिक जेल की सजा सुनाई जाती है तो उसकी विधायकी भी छिन जाती है. 

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सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद आजम खान को मई में जेल से रिहा किया गया था. जमीन हड़पने के एक मामले में वह करीब दो साल जेल में रहे. जमानत पाने के लिए आजम खान ने तर्क दिया था कि उत्तर प्रदेश सरकार उसके खिलाफ लगातार मामले दर्ज कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह जेल में ही रहे.

समाजवादी नेता को भ्रष्टाचार और चोरी सहित लगभग 90 मामलों का सामना करना पड़ रहा है, जो 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से दर्ज हैं.