हिंदू धर्म में अक्सर व्रत के दौरान साबुदाने का सेवन किया जाता है. लोग साबुदाने की खिचड़ी, खीर या हलवा खाना पसंद करते हैं, क्योंकि स्वाद में ये बहुत ही लाजवाब होती है. स्वाद के अलावा इसे खाने के कई फायदे भी होते हैं. साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट, खनिज, विटामिन कार्बोनिक योगिक का एक बेहतर सोर्स पाया जाता है. यहां हम आपको बताएंगे कि साबुदाना कैसे बनता है और इसे खाने के क्या फायदे होते हैं?

साबूदाना कैसे बनता है ?

साबूदाना किसी पेड़ पर नहीं उगता, यह कसावा या टैपियोका नाम का कंद होता है. साबूदाना बनाने के लिए सबसे पहले कसावा को खुले मैदान में बनी कुंडलियों में डालता है. रसायनों की सहायता से उन्हें लंबे समय तक गलाया या सड़ाया जाता है. इस प्रकार सड़ने से तैयार हुआ गूदा महीनों तक खुले आसमान के नीचें पड़ा रहता है और फिर दूसरी ओर इस गूदे में पानी मिलाया जाता है जिससे सफेद रंग के करोड़ों लंबे कृमि पैदा होते हैं.

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यह प्रक्रिया कई बार दोहराई जाती है और फिर इसमें से प्राप्त स्टार्च को धूप में सुखाया जाता है.जब यह पदार्थ लेईनुमा हो जाता है तो मशीनों की सहायता से इसे छन्नियों पर डालकर इसकी गोलियां बनाई जाती हैं, ठीक उसी तरह जिस तरह से बूंदी छानी जाती है.

साबूदाना के फायदे

अक्सर लोगों को साबूदाना खाने के फायदों के बारे में ही पता चलता है क्योंकि सच में इसे खाने के कई फायदे होते हैं. साबूदाना एक हल्का भोजन होता है जिसे व्रत या तबियत खराब में लोग खा सकते हैं और ये नुकसान भी नहीं करता है. तो चलिए अब मैं आपको इसके कुछ फायदों के बारे में बताती हूं.

बॉडी टम्प्रेचर के लिए– व्रत के दिनों में खिचड़ी इसलिए भी खाई जाती है क्योंकि भूखे रहने से शरीर में गर्मी बढ़ने लगती है ऐसे में साबूदाने की खिचड़ी बनाकर खाने से गर्मी दूर हो जाती है. इसके अलावा चावल के साथ साबूदाना का कॉम्बिनेशन शरीर की गर्मी को कम करने में मदद मिलती है.

वजन बढा़ने के लिए– साबूदाना वजन बढ़ाने में भी मदद करता है और जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है. इस वजह से उनका वजन बढ़ नहीं पाता है और ऐसे में खिचड़ी या खीर खाने से बहुत फायदा होता है.

त्वचा के लिए- सेहत के साथ यह त्वचा को भी बहुत फायदा होता है, साबूदाने का फेसमास्क बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की रंगत कुछ और ही हो जाती है. इससे झुर्रियों की समस्या ऩहीं आती है.

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हड्डियों के लिए- साबूदाना में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इससे हड्डियां मजबूत होती हैं और उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों में कैल्शियम भी कम होने लगता है इसलिए बढ़ती उम्र में साबूदाना खाना अच्छा होता है.

पाचन तंत्र– साबूदाना खाने में हल्का होता है और यह पेट की सभी समस्याओं को दूर रखता है. साबूदाना में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को हमेशा दुरुस्त रखता है और इससे पेट में होने वाली कब्ज, सूजन, गैस और अपच दूर रहती है.

एनीमिया के मरीजों के लिए- आयरन से भरपूर साबूदाना रेड ब्लड सेल्, के प्रोडक्शन में मदद करता है. ये एनीमिया के मरीजों के लिए रामबाण इलाज होता है.

कार्बाहाइड्रेट- टैपिओका यानी साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इससे फैट कम होता है इसके सेवन से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है.

डिस्क्लेमर- यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, इसकी पुष्टि Opoyi Hindi नहीं करता है. इसपर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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