राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के सभी मंत्रियों ने शनिवार (20 नवंबर) को इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद गहलोत सरकार की कैबिनेट का पुनर्गठन किया गया है. आलाकमान के अंतिम फैसले के बाद 15 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इसमें 11 कैबिनेट मंत्री बन रहे हैं, जबकि 4 राज्य मंत्री होंगे. सबसे बड़ी बात ये है कि इस कैबिनेट में सचिन पायलट खेमे के चार विधायकों को भी स्थान दिया गया है.
गौरतलब है कि सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच काफी वक्त से तनातनी चली रही थी. इसी बीच कांग्रेस आलाकमान ने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को मंजूरी दी. इसके मुताबिक ही कैबिनेट का नया फार्मूला तय किया गया.
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शपथ लेने वाले गहलोत सरकार के मंत्री
हेमाराम चौधरी (कैबिनेट मंत्री)
महेंद्रजीत सिंह मालवीय (कैबिनेट मंत्री)
रामलाल जाट (कैबिनेट मंत्री)
महेश जोशी (कैबिनेट मंत्री)
विश्वेनद्र सिंह (कैबिनेट मंत्री)
रमेश चन्द मीणा (कैबिनेट मंत्री)
ममता भूपेश बैरवा (कैबिनेट मंत्री)
भजनलाल जाटव (कैबिनेट मंत्री)
टीकाराम जूली (कैबिनेट मंत्री)
गोविंद राम मेघवाल (कैबिनेट मंत्री)
शकुंतला रावत (कैबिनेट मंत्री)
बृजेंद्र सिंह ओला (राज्य मंत्री)
मुरारीलाल मीणा (राज्य मंत्री)
राजेंद्र गुढ़ा (राज्य मंत्री)
जाहिदा खान (राज्य मंत्री)
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आपको बता दें, इन मंत्रियों में पायलट खेमे के चार विधायक हैं, इसमें मुरारीलाल मीणा, बृजेंद्र सिंह ओला, रमेश चन्द मीणा और हेमाराम चौधरी शामिल है. इनमें दो को राज्य मंत्री और दो को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा.
शपथ ग्रहण समारोह से पहले सचिन पायलट ने कहा, ‘‘जो कुछ कमियां थी, उन्हें दूर किया गया है और जिस दिशा में हम चल रहे थे, इसके जरिए उसे गति देने का काम किया गया है.’’ उन्होंने नए मंत्रिमंडल में चार दलित विधायकों को शामिल किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा, ‘‘यह अपने आप में बहुत बड़ा संकेत है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, प्रदेश की सरकार और हमारी पार्टी चाहती है कि जो दलित हैं, उपेक्षित हैं, गरीब हैं, पिछड़े हैं, उनका प्रतिनिधित्व हर जगह होना चाहिए.’’
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वहीं, कैबिनेट विस्तार के बाद पार्टियों में हल्ला भी मचने लगा है और कुछ लोग विरोध में भी सामने आए हैं. इनमें साफिया जुबेर और जौहरी लाल मीणा ने शपथ ग्रहण का बहिष्कार कर दिया है. साफ़िया रामगढ़ अलवर से और जौहरी लाल मीणा राजगढ़ अलवर से विधायक हैं. साफ़िया का कहना है कि महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा. वहीं जौहरी लाल मीणा ने केबिनेट में टीकाराम जूली को प्रमोट किए जाने का विरोध किया है.
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