ये तो सभी जानते हैं कि लोकसभा सदस्य (Member of Parliament) को चुनने के लिए आम जनता मतदान करती है. लेकिन राज्य सभा सदस्य (Rajya Sabha Member) का चुनाव कैसे होता है ये बहुत से लोगों के लिए पहेली है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि ऊपरी प्रतिनिधि सभा या राज्य सभा के लिए सदस्य का चुनाव (Rajya Sabha election process) कैसे होता है? 

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राज्य सभा के सदस्य का चुनाव लोकसभा के मुकाबले काफी जटिल होता है और इसके चलते आम जनता इससे अपने आप को उतना जोड़ नहीं पाती है. पहले राज्य सभा का कम्पोजीशन जान लेते हैं.  राज्य सभा में अधिकतम सदस्यों की संख्या 245 है, जिनमें से 233 का चुनाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (सिर्फ दिल्ली और पुडुचेरी) की विधानसभाओं में मतदान के माध्यम से होता है. बाकी 12 सदस्यों को कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवाओं में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं.

राज्य सभा के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुने जाने वाले प्रतिनिधियों का चुनाव इनडायरेक्ट चुनाव से होता है. राज्यों और दो केंद्र शाषित प्रदेशों (सिर्फ दिल्ली और पुडुचेरी) के विधायक राज्य सभा के सदस्यों को चुनते हैं. इसके लिए विधानसभाओं में मतदान होता है. संविधान के शेड्यूल 4 में बताया गया है कि किस राज्य में कितनी राज्य सभा सीटें होंगी. राज्य सभा सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है. और एक तिहाई राज्य सभा सीट पर हर दो साल में चुनाव होता है. मतलब हर दो साल पर एक तिहाई राज्य सभा सांसद अपना कार्यकाल पूरा कर लेते हैं. 

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अब जब राज्य सभा सदस्य का चुनाव विधायक के वोट से होता है तो ये जानना बेहद जरूरी है कि एक राज्य सभा सदस्य को चुनने के लिए कितने विधायक की जरूरत होती है. तो बता दें कि एक राज्य सभा सांसद को चुनने के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है. यह पूरी तरह से उस राज्य के लिए राज्य सभा में वैकेंसी की संख्या और उस विशेष राज्य में चुने गए विधायकों की कुल संख्या पर निर्भर करता है.   

राज्यसभा के सदस्य कैसे चुने जाते हैं? आइए इसे उदाहरणों की मदद से समझें- 

2018 में गुजरात में राज्य सभा की तीन सीटें खाली हुईं और गुजरात में 180 निर्वाचित विधायक हैं. ऐसे में गुजरात में एक राज्य सभा सांसद के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या- 

([निर्वाचित विधायक की संख्या / (रिक्तियों की संख्या +1)] +1)

= ([180/(3+1)]+1) = 46 विधायक

इसलिए गुजरात में एक राज्य सभा सांसद के लिए 46 विधायकों की आवश्यकता थी.

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दूसरा उदाहरण

2022 में उत्तर प्रदेश में 11 राज्य सभा सीटें खाली हुईं और उत्तर प्रदेश में 403 निर्वाचित विधायक हैं.

तो उत्तर प्रदेश में एक राज्य सभा सांसद के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या- 

([निर्वाचित विधायक की संख्या / (रिक्तियों की संख्या +1)] +1

=([403/(11+1)]+1) = 34 विधायक. 

इसलिए उत्तर प्रदेश में एक राज्य सभा सांसद के लिए 34 विधायकों की आवश्यकता पड़ी. 

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