केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘सांप्रदायिकता का मूर्त रूप’ बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता कथित ‘अपहरण और फर्जी मुठभेड़’ के अपराध में जेल गए थे. विजयन ने सोहराबुद्दीन शेख मामले का संदर्भ देते हुए यह कहा. गौरतलब है कि एक दिन पहले शाह ने एक रैली में सोना और डॉलर तस्करी के मामले में विजयन से कुछ सवाल किये थे. इस पर वाम दल के नेता ने केंद्रीय मंत्री पर पलटवार करते हुए उनसे सवाल किया, “ फर्जी मुठभेड़ और अपहरण” के मामले के आरोप पत्र में किसका नाम था ?’’

विजयन ने आरोप लगाया, “ अमित शाह सांप्रदायिकता के मूर्त रूप हैं. वह सांप्रदायिकता को बढ़ाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. भले ही वह मंत्री बन गए हों, लेकिन उनमें बहुत बदलाव नहीं आया है. सांप्रदायिकता का प्रचार करने वाले आरएसएस के नेता यहां हमें धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने आए हैं.” केरल के मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा, ‘‘उन्होंने (शाह ने) कल मुझसे कुछ सवाल किये थे. मैं उन्हें याद दिलाना चाहुंगा कि मैं वह व्यक्ति नहीं हूं, जो अपहरण के लिए जेल गया था. क्या अमित शाह को याद है कि फर्जी मुठभेड़ मामले के आरोपपत्र में किसका नाम था, जो गिरफ्तार हुआ था और जेल गया था?’’

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सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और तुलसी राम प्रजापति की मौत का हवाला देते हुए विजयन ने आरोप लगाया, “ये सभी फर्जी मुठभेड़ के मामले थे. इन अपराधों के लिए किस पर आरोप लगा था? उसका नाम है अमित शाह.” उन्होंने दावा किया कि इन मामलों की सुनवाई कर रही सीबीआई अदालत के न्यायाधीश बी एच लोया की रहस्मय परिस्थितियों में मौत हुई थी. विजयन ने कन्नूर जिले के धर्मादम में एक चुनावी रैली में कहा, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कथित रूप से छेड़छाड़ की गई. न्यायाधीश का परिवार अब भी इंसाफ के इंतजार में हैं. क्या भाजपा का कोई नेता इस बारे में बात करेगा? हम सब 2013 के जासूसी मामले के बारे में जानते हैं. बाद में शिकायतकर्ता महिला ने अपना मामला वापस ले लिया था.”

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मुख्यमंत्री ने कहा, “ इन मामलों में कौन जेल गया था? जिस पद पर आप बैठे हैं, उसके मुताबिक काम नहीं करेंगे, तो हम आपके कथित गलत काम को सामने लाने को मजबूर हो जाएंगे.” उन्होंने कहा, “ वह व्यक्ति हत्या, अपहरण, वसूली और गैरकानूनी निगरानी कराने का आरोपी था. और एक रहस्यम मौत पर क्या वह अपने अनुभव से बोल रहे हैं?” वह सोहराबुद्दीन शेख ‘फर्जी मुठभेड़’ मामले का हवाला दे रहे थे, जिसमें शाह को जुलाई 2010 में गिरफ्तार किया गया था. शाह ने गुजरात के गृह मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था, हालांकि दिसंबर 2014 में सीबीआई की एक अदालत ने उन्हें मामले में आरोप मुक्त कर दिया था.

विजयन ने 2002 के गुजरात दंगों को ‘नरसंहार’ बताया और शाह के बेटे एवं बीसीसीआई सचिव जय शाह पर भी निशाना साधा. मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने के बाद तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से सोने की तस्करी की घटनाओं में कैसे बढ़ोतरी हो रही है? जबकि यह हवाई अड्डा केंद्र सरकार के तहत आता है.

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