भारत ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में उसे पड़ोसी देश से अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुयी है. भारत ने मांग की कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के अनुरूप उसे निर्बाध, बिना रोक टोक और बिना शर्त के राजनयिक पहुंच मुहैया कराने की जरुरत है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने आनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘हमें इस संबंध में पाकिस्तान से कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुयी है.’’ उनसे पूछा गया था कि क्या पाकिस्तान ने भारत को इस मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में सूचित किया है.

भारत को एक और मौका दें: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जाधव के मामले में तीन वरिष्ठ वकीलों को न्याय मित्र नामित करते हुए पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया था कि मौत की सजा का सामना कर रहे कैदी के लिये वकील नियुक्त करने का भारत को एक और मौका दें.

श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेश को लागू करने और भारत को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जाधव को निर्बाध और बिना रोक टोक के राजनयिक पहुंच मुहैया कराने की जरुरत है.

2017 में भारत ने खटखटा था ICJ का दरवाजा 

गौरतलब है कि 2017 में भारत ने पाकिस्तान द्वारा जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया नहीं कराने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जुलाई 2019 में फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव की सजा की प्रभावी समीक्षा और उस पर पुनर्विचार करना चाहिए और बिना देरी किये राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए .

पिछले महीने भारत ने जाधव को मौत की सजा के खिलाफ कानूनी उपचार मुहैया नहीं कराने पर पाकिस्तान के रुख की कड़ी आलोचना की थी . यह कड़ी प्रतिक्रिया तब आई जब पाकिस्तान ने जाधव मामले में भारत को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए थे . भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने इस मामले में भारत के लिये प्रभावी समाधान प्राप्त करने के सभी रास्ते बंद कर दिये हैं .