देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के 74वें संस्करण में आज मन की बात की. इस मौके पर पीएम मोदी ने विज्ञान दिवस का जिक्र किया और जल दिवस के बारे में बात की और भी कई मुद्दों पर बात की. करीब 35 मिनट के अपने इस संबोधन में पीएम मोदी ने इन बातों पर चर्चा की.

‘मन की बात’ में पीएम मोदी की 8 मुख्य बातें

  1. जल हमारे लिए जीवन, आस्था और विकास की धारा है, पानी एक तरह से पारस से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है. पानी के संरक्षण के लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए, 22 मार्च को विश्व जल दिवस भी है.
  2. अब से कुछ दिन बाद ज​ल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन’ शुरू किया जा रहा है.
  3. माघ महीने और इसके सामाजिक, आध्यात्मिक महत्व की चर्चा संत रविदास जी के नाम के बिना पूरी नहीं होती है. संत रविदास जी ने समाज में व्याप्त विकृतियों पर हमेशा खुलकर अपनी बात कही. ये मेरा सौभाग्य है कि मैं संत रविदास जी की जन्मस्थली वाराणसी से जुड़ा हुआ हूं.
  4. आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है. आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक, डॉक्टर सी.वी. रमन जी द्वारा की गई ‘रमन इफेक्ट’ खोज को समर्पित है.
  5. जब हम विज्ञान की बात करते हैं तो कई बार इसे लोग भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान या फिर लैब तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन विज्ञान का विस्तार इससे कहीं ज़्यादा है और आत्मनिर्भर भारत अभियान में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान है.
  6. जब हम आसमान में अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजियां खाते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं. जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को पहुंचते देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है.
  7. असम में हमारे मंदिर प्रकृति के संरक्षण में अपनी अलग ही भूमिका निभा रहे हैं. आप हमारे मंदिरों को देखेंगे तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है. इनका उपयोग विलुप्त होते कछुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए किया जा रहा है. असम में कछुओं की सबसे अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं.
  8. हमारे यहां बहुत से भारतीय खेल हैं लेकिन उनमें कमेंट्री कल्चर नहीं आया है और इस वजह से वो लुप्त होने की स्थिति में हैं. मैं खेल मंत्रालय और निजी संस्थानों से भारतीय खेलों की अधिक से अधिक भाषाओं में अच्छी कमेंट्री करने पर विचार करने का आग्रह करता हूं. (इनपुट्स- ANI)