(Work From Home) वर्क फ्रॉम होम की चाहत रखने वाले लोगों के लिए
एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. क्योंकि यहां पर भी कुछ ठगों (Cheaters) ने ठगी(Cheating)
करना शुरु कर दिया
है. जिनसे खुद को बचाना भी अपने आप में एक बड़ा टास्क बन गया है. चलिए बताते हैं आपको
पूरा मामला.

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कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगने के बाद से
वर्क फ्रॉम होम का ऐसा ट्रेंड चला कि ज्यादातर कम्पनियों ने अपने कर्मचारियों को
वर्क फ्रॉम होम दे दिया. जिसके बाद से लोगों ने इसको पसंद भी खूब किया. अब हर किसी
के अंदर वर्क फ्रॉम होम जॉब पाने की इच्छा जाग उठी खासकर बेरोजगार नौजवानों की आज
कल पहली पसंद ही ऐसी नौकरी है, जिसमें घर में बैठकर काम करने से ही कमाई हो जाए.
लोगों की इसी चाहत का फायदा अब कुछ शातिर ठग उठा रहे हैं, जो अलग-अलग
सॉफ्टवेयर के जरिए अलग अलग ऐप पर अलग अलग तरह की जॉब्स का ऑफर देते हैं. उसके बाद
उस पर इंटरेस्ट दिखाने वाले व्यक्ति को अलग-अलग तरह की फीस भरने को कहा जाता है,
जिसमें
रजिस्ट्रेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, इंटरनेशनल बैंक
ट्रांसेक्शन चार्ज, फॉरेन एक्सचेंज कन्वर्जन चार्ज वगैरा को इस
भरोसे के साथ जमा कराने को कहा जाता है कि ये जमा कराने के बाद उनका पैसा (Money)
जल्द
ही उनके अकाउंट में वापस भेज दिया जाएगा.

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साइबर
क्राइम पोर्टल पर दर्ज शिकायत

शातिर ठग इतने ज्यादा शातिर हैं कि वे लोगों का
भरोसा जीतने के लिए उनको विदेशी कंपनियों (Foreign Companies) के नाम से फर्जी ईमेल तक भेजते हैं.
लेकिन जैसे ही व्यक्ति सारी प्रक्रिया पूरी कर देता है, वैसे ही शातिर ठग उस शख्स से पूरी तरह
से संपर्क को खत्म कर के गायब हो जाते हैं. वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी गई 23
साल की एक लड़की ने साइबर क्राइम पोर्टल (Cyber Crime Portal) पर एक शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उसने आरोप लगाया कि उसने सोशल
मीडिया पर वर्क फ्रॉम होम करने के इच्छुक लोगों के लिए एक ऐड के रूप में वीडियो
देखा था. इसको देखने के बाद उसने फ्रीलांसर ऐप (Freelancer) डाउनलोड किया और कम पैसों
में काम करने की बिडिंग शुरू कर दी और उसको काम के लिए चुन भी लिया गया.

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कैसे
देते थे वारदात को अंजाम
?

इसके बाद उसकी किसी अज्ञात व्यक्ति से ईमेल के द्वारा
बातचीत शुरु हो गई. उस वयक्ति ने काम की शुरुआत करने से पहले कुछ फीस बैंक अकाउंट
में जमा कराने की बात रखी, जिसमें उसमें प्रोसेसिंग फीस, सेक्योरिटी मनी समेंत कई
तरह के चार्ज बताए. उसने यह सारी चीजें इतने प्रोफेशनल तरीके से बतायी की लड़की को
उसपर जरा सा भी शक नहीं हुआ और उसने 12000 रुपए फीस के तौर पर उसने अकाउंट में
ट्रांसफर कर दिए. पैसा अकाउंट में पहुंचते ही उन ठगों ने लड़की से संपर्क बिल्कुल
खत्म कर दिया. काफी समय तक हाथ पैर मारने के बाद लड़की को पता चला कि वह साइबर ठगी
का शिकार हो गयी है. जिसके बाद पीड़िता ने साइबर पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई
और मामला पुलिस के पास पहुंचा. मिली शिकायत पर काम करते हुए पुलिस ने टेक्निकल
सर्विलांस और मनी ट्रेल के जरिए सबसे पहले उत्तराखंड के उद्धमपुर नगर से 20 साल के
तुषार कुमार (Tushar Kumar) उर्फ
ह्रितिक को गिरफ्तार किया. तुषार की निशादेही पर यूपी के बरेली से मोहम्मद अकरम
अली (Mohd. Akram Ali) को
गिरफ्तार कर लिया गया. इनके पास से पुलिस नलैपटॉप, 9 मोबाइल फोन, 25
सिम कार्ड, 1
वाई-फाई राऊटर, 2
आधार बायोमैट्रिक स्कैनर, एक
मरुती एसएक्स कार बरामद कर ली . इसलिए अगर आपको भी कोई ऐसा ऑफर आए तो आप सतर्क हो
जाएं.

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