कर्नाटक (Karnataka) में मुस्लिम छात्राओं को हिजाब (Hijab) पहनने के चलते स्कूल और कॉलेजों में एंट्री ना मिलने का विवाद प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. हिजाब को लेकर देशभर में जारी विवाद के बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा के अतरासी पहुंचे. उन्होंने यहां बुधवार को वर्ष 1988 में रजबपुर में हुए आंदोलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने हिजाब विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि सरकार हिजाब मुद्दे में उलझा रही है जबकि जनता बैंक घोटाले का हिसाब-किताब मांग रही हैं.टिकैत ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि यहां पर जो आंदोलन हुआ था, उसमें जो लोग शहीद हुए थे. उनको किसान कभी नहीं भुला पाएंगे. यहां स्कूल को बंद रखकर भारत के लोगों को अनपढ़ करना चाहते हैं. भाजपा हिंदू मुस्लिम दंगा कराना चाहती है. अभी भी इनकी पूरी रणनीति है, लेकिन देश की जनता ने पूरा नाकार दिया है.

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इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि दो महीने पहले ये लोग सिर्फ हिंदू-मुस्लिम, जिन्ना-पाकिस्तान कर रहे हैं, परन्तु भारत के लोग इन मुद्दों पर इनसे से किसी पर भी चर्चा नहीं करना चाहते है. जनता सिर्फ हिसाब चाहती है.

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, कर्नाटक के एक कॉलेज में ड्रेस कोड लागू किया गया जिसमें मुस्लिम छात्राओं को क्लास में हिजाब पहनकर आने की इजाजत नहीं दी गई. इस पर छात्राओं ने विरोध शुरू कर दिया. मामला बढ़ने पर यह पूरे कर्नाटक में फैल गया. कई कॉलेजों में यही सब कुछ होने लगा और हिंदू-मुस्लिम संगठन एक दूसरे के आमने-सामने आ गए.

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हिंदू संगठन ने छात्रों को भगवा गमछा पहन कर क्लास में जाने को कहा. वहीं, मुस्लिम छात्राओं ने कहा कि यह उनका हक है कि वह क्या पहनकर कॉलेज जाएं. यह मामला पूरे देश में फैल गया और फिर राजनीति भी शुरू हो गई. बीजेपी नेताओं ने जहां हिंदू संगठनों का समर्थन किया. वहीं, कुछ नेता ऐसे भी थे जिन्होंने मुस्लिम छात्राओं की आवाज का समर्थन किया. इसमें असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे.

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