पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे कल यानि 10 मार्च को आने शुरु होंगे. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब के एग्जिट पोल्स आने के बाद कल मतदान की गिनती शुरु होगी. मतदान की इस लंबी प्रक्रिया में काफी समय लगता है और इसे राज्य व केंद्र के अधिकारी, पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी मिलकर अंजाम देते हैं. चलिए जानते हैं आखिर मतदान की काउंटिंग कैसे होती है और इसे किन-किन प्रक्रिया से पूरा किया जाता है.
यह भी पढ़ें: क्या है ‘123Pay’, RBI ने फीचर फोन के लिए शुरू की नई सुविधा
ईवीएम की सुरक्षा ऐसे होती है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन को मतगणना केंद्र पर लाकर सुरक्षित रखा जाता है. इन्हें स्ट्रॉन्ग रूम में सिक्योरिटी के साथ रखा जाता है और 24 घंटे नजर रखी जाती है. ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय बल के जवान संभालते हैं. आमतौर पर राज्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा निर्धारित जिला मुख्यालय में किसी नियत जगह पर मतगणना की जाती है. जहां केंद्र से जुड़े सभी क्षेत्रों की मतगणना की जाती है.
यह भी पढ़ें: UP Elections: अंतिम चरण के लिए मतदान जारी, जानें कितने फीसदी हुई वोटिंग
कैसे होती है वोटों की गिनती?
1. मतगणना के दिन सबह 7 से 8 बजे तक मतगणना केंद्र में संबंधित कर्मचारी और एजेंटों को भेजा जाता है.
2. हर घंटे में 4 राउंड की काउंटिंग होती है. जिस विधानसभा में सबसे कम राउंड होंगे, वहां मतों की गिनती पहले की जाएगी.
3. निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती शुरु की जाती है. उसके बाद उसे पोस्टल बैलेट टेबल पर भेजा जाता है.
4. पोस्टल बैलेट की गिनती शुरु के बाद ईवीएम से गिनती शुरु होती है.
5. एक बार में ज्यादा से ज्यादा 14 ईवीएम की गिनती की जाती है, काउंटिंग पर्यवेक्षण एजेंचट की मदद से वोटों को गिना जाता है.
6. मतगणना की पूरी प्रक्रिया से जुड़े सुपरवाइजर मतगणना एजेंट को बताते हैं कि कैसे ईवीएम बटन दबाते हैं फिर हर उम्मीदवार के मतों की संख्या गिनी जाती है.
7. जब एक चरण की गिनती पूरी होती है, तो मतगणना से जुड़े कर्मचारी सारी जानकारी रिटर्निंग ऑफिसर को देते हैं और पहले चरण के नतीजों का एलान करते हैं.
8. हर एक राउंट के बाद ईवीएम का डाटा और शीट भऱे गए डाटा से मिलाया जाता है.
यह भी पढ़ें: आम आदमी को झटका! 10 दिन में 12 रुपये तक बढ़ सकते हैं Petrol-Diesel के दाम
कौन करता है मतगणना?
मतगणना को राज्य व केंद्र के अधिकारी, पुलिसकर्मी और अन्य कर्मचारी मिलकर अंजाम देते हैं. मतगणतना से कुछ समय पहले इन कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए मतगणना केंद्र भेजा जाता है. इसके बाद उन्हें सुबह से 5 से 6 बजे तक मतगणना टेबल पर बैठना होता है. हर एक टेबल पर मतगणना के लिए सहायक होते हैं. मतगणना के बाद चुनाव आयोग सारे नतीजों के बारे में बताता है.
यह भी पढ़ें: रोचक जानकारी: 1000 को 1K लिखते हैं, आखिर इस K का मतलब क्या होता है?