दो साल बाद इस साल भारतीय मुस्लिम हज यात्रा (Hajj Yatra)  पर जा रहे हैं. कोरोना महामारी की वजह से 2020 और 2021 में सऊदी अरब ने विदेशी यात्रियों के हज यात्रा करने से रोक लगा दी थी. लेकिन इस वर्ष सऊदी सरकार (Saudi Government) ने कुछ शर्तों के साथ विदेशी यात्रियों को हज यात्रा के लिए अनुमति दे दी हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये यात्रा वो होती है, जिस पर विश्व का हर मुसलमान जाना चाहता है.

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अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार, इस साल सऊदी सरकार ने भारत के लिए कुल 79 हजार 237 सीटों का कोटा रखा है. इनमें से 56 हजार 601 सीटें हज कमेटी ऑफ इंडिया (Haj Committee of India) के लिए हैं, जबकि बाकी 22 हजार 636 सीटें प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स (Private Tour Operators) के लिए हैं. हज कमेटी ऑफ इंडिया के द्वारा यात्रा पर जाने के लिए लोगों के पंजीकरण कराना पड़ता है और उसके बाद उन्हें शॉर्टलिस्ट किया जाता है.

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हज यात्रा जरूरी क्यों?

मुस्लिमों के लिए हज यात्रा बहुत जरूरी मानी जाती है. ये यात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. इस्लाम में 5 स्तंभ हैं- जकात देना, कलमा पढ़ना, नमाज पढ़ना, हज पर जाना और रोजा रखना.

रोजा रखना, नमाज और कलमा तो प्रत्येक मुसलमान के लिए जरूरी है. लेकिन हज और जकात (दान) में कुछ छूट दी गई है, जिनके पास पैसा है, उनके लिए ये जकात और हज जरूरी हैं. 

सऊदी अरब के मक्का शहर में हज होता है. क्योंकि काबा मक्का में है. काबा वो इमारत है, जिसकी तरफ मुंह करके नमाज पढ़ी जाती है. अल्लाह का घर काबा को भी कहा जाता है. इस कारण से ये मुसलमानों का तीर्थ स्थल है. 

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हज यात्रा में कौन जा सकता है?

आजतक लेख के अनुसार, इस यात्रा के लिए वही लोग जा सकते हैं, जिनकी उम्र उम्र 65 साल से कम होगी. यदि आपका जन्म 10 जुलाई 1957 के बाद हुआ है. तो आप हज यात्रा के लिए जा सकते हैं. ये नियम कोरोना के मद्देजनर हैं.

कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होनी जरूरी हैं. इसके साथ ही 72 घंटे पहले निगेटिव RTPC रिपोर्ट चाहिए होगी. 

हज यात्रा में 45 साल से ऊपर की महिलाएं बिना पुरुष साथी के भी जा सकती हैं. लेकिन उनके साथ 4 महिला साथी होना आवश्यक हैं. 

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कितना खर्चा होता है?

 हज यात्रा को अधिक महंगा माना जाता है. अभी यात्रा के लिए फिक्स खर्च तय नहीं हुआ है. लेकिन इस बार की यात्रा पहले की तुलना में सवा लाख रुपये तक महंगी है. इस साल हज यात्रा के लिए लोगों को 3.35 लाख से लेकर 4.07 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाजियों ने अजीजिया कैटेगरी के लिए साल 2019 में 2.36 लाख और ग्रीन कैटेगरी के लिए 2.82 लाख रुपये खर्च किए थे. ये रकम सऊदी सरकार की तरफ से तय की जाती है. 

हाजियों का अजीजिया और ग्रीन, 2 कैटेगरी में चयन किया जाता है. सऊदी में हरम शरीफ (काबा) के आसपास ग्रीन कैटेगरी में ठहराया जाता है. क्योकिं उन्हें अधिक न चलना पड़े. वहीं, हरम शरीफ से 7 से 8 किलोमीटर दूर के क्षेत्र अजीजिया कैटेगरी वालों के लिए होते हैं. इसी वजह से ग्रीन कैटेगरी वालों को ज्यादा खर्च करना पड़ता है. 

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