बिहार में एक पुल की अजीबोगरीब चोरी (Bihar bridge theft) का मामला दर्ज करने वाले सरकारी अधिकारी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. बिहार के रोहतास जिले में 60 फुट के पुल की चोरी के मामले में राज्य के जल संसाधन विभाग के एक उपमंडल अधिकारी (एसडीओ) को आठ लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से एक जेसीबी, करीब 247 किलोग्राम चोरी के लोहे के चैनल और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है. 

पुलिस अधिकारी आशीष भारती ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, “हमने पुल की चोरी के मामले में जल संसाधन विभाग के एक SDO अधिकारी सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. एसडीओ की मिलीभगत से चोरों ने पुल को चुराया था. हमने एक जेसीबी, करीब 247 किलो वजनी लोहे की चैनल और अन्य सामग्री बरामद की है.”

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये पूरा मामला नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर का है. यहां आरा कैनाल नहर पर 1972 के आसपास लोहे का पुल बनाया गया था. इसी फुल को 3 दिन में चोरों ने चालाकी से सिंचाई विभाग के कर्मचारियों से कटवाया और फिर उसका सारा लोहा ट्रकों में भरकर छूमंतर हो गए. इस पुल को कटवाने के लिए बुलडोजर, गैस कटर का भी इस्तेमाल होता रहा.

बिहार के सिंचाई विभाग के अधिकारी होने का दिखावा करने वाले चोरों के एक गिरोह ने राज्य की राजधानी पटना से लगभग 150 किलोमीटर दूर अमियावर गांव से पुल को सार्वजनिक रूप से चुराकर असाधारण डकैती को अंजाम दिया. 

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वे उत्खनन, पिकअप वैन, गैस कटर और कारों के साथ पहुंचे और तीन दिनों में 50 साल पुराने लोहे के पुल को धीरे-धीरे ध्वस्त कर दिया. फिर वे वहां से फरार हो गए. पुलिस ने कहा कि उन्होंने इसे स्क्रैप मेटल के रूप में भागों में बेच दिया. 

उपयोग में न होने के चलते ग्रामीणों ने मान लिया था कि सरकार ने पानी की नहर पर बने पुराने पुल को तोड़ने का फैसला किया है.

जिस दिन पुल को खोलना शुरू किया गया, उस दिन उप-मंडल अधिकारी ने चोरी के आरोप से बचने के लिए कथित तौर पर बीमारी का बहाना करके छुट्टी ले ली थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब पुल को अलग किया जा रहा था तब एक सरकारी इंजीनियर भी मौजूद था. 

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