झारखंड के देवघर में हादसा हो गया है. रविवार को दोपहर 3 बजे त्रिकूट पहाड़ियों पर रोप वे में आईं खराबी के कारण कई ट्रॉलियां आपस में टकरा गई थीं.अब तक कई लोगों को निकाला जा चुका है. दर्जनों लोग अभी भी रोपवे में फंसे हुए है. एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर को भी रेस्क्यू मिशन पर लगाया गया है लेकिन तारों की वजह से इन्हें हेलिकॉप्टर को ट्रॉलियों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है.

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त्रिकुट पहाड़ देवघर में सबसे रोमांचक पर्यटन स्थल में से एक है. इस पहाड़ी की ऊंचाई समुद्र तल से 2470 फीट ऊपर देवघर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी देवघर-दुमका रोड पर मोहनपुर ब्लॉक में है.

भारत का सबसे ऊंचा रोप वे है त्रिकुटी रोपवे

रोप वे एक पर्यटक आकर्षण है और इसका उपयोग पहाड़ी की चोटी तक पहुंचने के लिए किया जा सकता है. रोपवे के अलावा, पर्यटक शीर्ष तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का भी उपयोग कर सकते हैं.त्रिकुट झारखंड राज्य का एक पर्यटन स्थल है.

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इस पर सफर करने का आनंद रोमांचक होता है. यह 90 डिग्री पर उंचाई की ओर जाता है. प्राकृतिक छटा से घिरा होने के कारण रोप वे का सफर बहुत ही मजेदार हो जाता है.

आपको जानकारी के लिए बता दें कि रोप वे जमीन से लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर है. त्रिकुटी पहाड़ की तलहटी मयूराक्षी नदी से घिरी हुई है. पर्यटकों के लिए कुल 25 केबिन उपलब्ध हैं, जिसमें प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं.रोपवे की क्षमता 500 लोग प्रति घंटे है. रोप वे की लंबाई लगभग 766 मीटर (2512 फीट) है. चोटी तक पहुंचने के लिए केवल 8 से 10 मिनट लगते हैं. रोप वे से जाने के लिए 130 रुपये खर्च करने होते हैं.

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सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक

रोप वे का समय नियमित रूप से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक का होगा. 25 केबिन वाले रोप वे में 100 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है. झारखंड के इस रोप वे की उंचाई सतह से 800 मीटर है. रोप वे की शुरुआत साल 2009 में हुई थी.

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