देशभर में फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा रही हैं. इसको लेकर लोगों के मन में कई सवाल भी घूमते रहते हैं. मसलन जो लोग वैक्सीन की दोनों डोज लें चुके हैं, क्या उन्हें तीसरी डोज की आवश्यकता है? आखिर ये पता कैसे चलेगा? इसे पता करने का क्या तरीका है? क्या इसमें ज्यादा पैसे लगते हैं?

आपकी जानकारी के लिए बता दें इन सभी सवालों का जवाब एक टेस्ट के माध्यम से आपके सामने आ जाएगा, जिसका नाम है एंटीबॉडी टेस्ट. अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि एंटीबॉडी टेस्ट कैसे और कहां किया जाता है. इससे आपको किन-किन बातों की जानकारी मिलेगी और कितनी देर में आपको रिपोर्ट मिल जाएगी.

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एंटीबॉडी के बारे में जानें

जब भी कोई वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है तो उसे लड़ने के लिए कुछ प्रोटीन बनते हैं, जो वायरस की ही तरह आपके शरीर में होते हैं. इन प्रोटीन को ही एंटीबॉडी कहा जाता है.

वैक्सीन काम कर रही है या नहीं, क्या इस बात का पता एंटीबॉडी टेस्ट से चल जाता है?

एंटीबॉडी टेस्ट के माध्यम से आपको ये पता लगता है कि जो वैक्सीन आपको लगी है वो काफी है या दोबारा लगाने की आवश्यकता है. अगर वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद एंटीबॉडी टेस्ट में आपकी एंटीबॉडीज कम आती हैं तो इसका मतलब है कि वैक्सीन का असर आपके शरीर में कम हो गया है लेकिन अगर आपके शरीर में एंटीबॉडीज ज्यादा हैं तो इसका मतलब है कि वैक्सीन अभी काम कर रही है.

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क्या सिर्फ वैक्सीन लगवाने से एंटीबॉडीज बनती है?

नहीं, सिर्फ वैक्सीन के माध्यम से ही एंटीबॉडी नहीं बनती है. अगर आप कोरोना से रिकवर हो चुके हैं और उसके बाद अपना एंटीबॉडी टेस्ट करवाते हैं तो उसमें पाएंगे कि आपके शरीर में एंटीबॉडीज बन चुकी हैं. आप चाहे तो इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं.

जानें एंटीबॉडी टेस्ट कराने में कितने रुपये का आता है खर्च

एंटीबॉडी टेस्ट करवाने के लिए आपको कम से कम 500 से 1000 रुपये तक का भुगतान करना पड़ सकता है. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में एंटीबॉडी की जांच के लिए डिप्कोवैन बनाई थी, जिसकी कीमत मात्र 75 रुपये है.

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जानें रिपोर्ट मिलने में कितना समय लगता है

एंटीबॉडी टेस्ट कराने के बाद आपको रिपोर्ट के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता. सिर्फ 1 से 2 घंटे में आपको रिपोर्ट मिल जाएगी.

क्या एंटीबॉडी टेस्ट में कोरोना संक्रमण का पता लग जाता है?

नहीं, एंटीबॉडी टेस्ट से इस बात का पता नहीं लगाया जा सकता कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं. इस टेस्ट के माध्यम से आप सिर्फ शरीर में एंटीबॉडीज की मात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जो संक्रमण से रिकवर होने के बाद बनती है या फिर वैक्सीन लगवाने के बाद.

कोरोना से रिकवर होने के कितने दिन बाद करवाना चाहिए ये टेस्ट?

अगर आप कोरोना संक्रमण से रिकवर हो गए हैं तो आपको लगभग 2 हफ्तों के बाद एंटीबॉडी टेस्ट करवाना चाहिए क्योंकि इतने दिनों में आपके शरीर में ठीक से एंटीबॉडीज बन जाती हैं.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)

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