Diseases Caused By Tobacco: तंबाकू का सेवन और धूम्रपान शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है. इससे कई तरह की बीमारियां और जटिलताएं हो सकती हैं, यह भी हृदय रोगों का प्रमुख कारण है. साल 2017 में भारतीय वयस्कों के एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 267 मिलियन वयस्क (15 वर्ष से अधिक आयु के) (कुल वयस्कों का 29%) तंबाकू का उपयोग करते हैं. देश की 28.6 फीसदी आबादी यानी हर 5 में से 1 व्यक्ति धुंआ रहित तंबाकू का सेवन करता है, जबकि 10 में से 1 व्यक्ति धूम्रपान करता है, तंबाकू का सेवन करने वाले 50 फीसदी लोगों की इससे मौत होती है. आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर हम ऐसे  बिमारियों (Diseases Caused By Tobacco) के बारे में बात करने जा रहे जो तंबाकू के सेवन करने से हो सकती है.

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तंबाकू से होने वाले रोग (Diseases Caused By Tobacco)

कैंसर का खतरा: सिगरेट में निकोटिन की मात्रा होने के कारण इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर होने की संभावना बढ़ जाती है. निकोटिन एक हानिकारक केमिकल है, जो ब्लड प्रेशर के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है. धूम्रपान से रक्त, मूत्राशय, गर्भाशय ग्रीवा, फेफड़े, यकृत, गुर्दे, ग्रसनी, अग्न्याशय, मुंह, गला, स्वरयंत्र, गुर्दे, बृहदान्त्र, मलाशय, पेट का कैंसर भी हो सकता है. फेफड़ों के कैंसर के 10 में से 9 प्रकार धूम्रपान के कारण होते हैं. धुंआ रहित तंबाकू जैसे चबाने वाला तंबाकू ग्रसनी, मुंह और गले का कैंसर पैदा कर सकता है. भारत में मुंह के कैंसर के 90% मामले धुंआ रहित तंबाकू के कारण होते हैं.

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हृदय रोगों का खतरा: धूम्रपान भी हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है और चार सीवीडी मौतों में से एक के लिए जिम्मेदार है. धूम्रपान करने से रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाता है, जिससे हाई कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल कम हो जाता है. जिससे रक्त के थक्के जमने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में हृदय और मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है, रक्त वाहिकाओं में फैट, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम आदि के रूप में प्लैक जमने लगता है, जिससे रक्त वाहिकाएं मोटा और संकरा हो जाता है. जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक हो सकता है.

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हाई ब्लड प्रेशर का खतरा: सिगरेट पीने से हाई ब्लड प्रेशर, एरिथमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस की संभावना बढ़ जाती है. समय के साथ ये समस्याएं कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेल्योर, पेरिफेरल आर्टरी डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले लेती हैं. इन बीमारियों से बचने के लिए धूम्रपान न करना ही बेहतर है. अगर आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर की मदद लें. धूम्रपान छोड़ने से आपके दिल और पूरे शरीर के स्वास्थ्य में सुधार होगा.

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सांस की बीमारियों का खतरा: सीओपीडी फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें फेफड़ों में हवा का बहाव कम हो जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है. सीओपीडी में एम्फाइसेमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस शामिल हैं. सीओपीडी में, फेफड़ों की एल्वियोली की दीवारों को नुकसान के कारण एयर ट्यूब्स स्थायी रूप से संकुचित हो जाती हैं. इन ट्यूब्स के अंदर बलगम जमा होने के कारण इनकी मोटाई बढ़ जाती है. सीओपीडी आमतौर पर धूम्रपान के कारण होता है. 10 में से 8 सीओपीडी मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं.

(Disclaimer: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह लें.)