मानसून का मौसम शुरू होने के साथ ही
बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. हालांकि, मानसून अपने साथ कई बीमारियां लाता है
और टाइफाइड उनमें से एक है. फिलहाल तेलंगाना में टाइफाइड के काफी मामले सामने आ
रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग ने सड़क पर पानी पुरी के सेवन को इसका जिम्मेदार
ठहराया है. मई महीने में तेलंगाना में 2700 मामले सामने आए और जून में यह बढ़कर 2752 हो गया.
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जानिए क्या हैं टाइफाइड के लक्षण
टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण है जो खराब खाना खाने या गंदा पानी पीने से हो
सकता है. यदि आपको टाइफाइड है, तो आपको शुरू में सिरदर्द, तेज बुखार, दस्त या कब्ज और भूख न लगना जैसे
लक्षण दिखाई देंगे. अगर आपका इलाज समय पर किया गया तो आपकी हालत और खराब हो सकती
है और इसमें आपको खून की उल्टी, आंतरिक रक्तस्राव और शरीर का पीलापन जैसी समस्याओं का सामना करना
पड़ सकता है.
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बीमारियों का घर है मानसून
भारत में मानसून की शुरुआत हो चुकी है और ऐसे
में हर घर में सर्दी का असर देखने को मिलेगा. सर्दी में आपको हल्का बुखार जैसे महसूस हो
सकता है, लेकिन और
भी कई बीमारियां हैं जो मानसून के मौसम में सामने आती हैं. उदाहरण के लिए, गंदा खाना खाने या पानी पीने से
टाइफाइड या पीलिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. वही ठहरे हुए पानी में डेंगू या मलेरिया के मच्छर पैदा हो सकते हैं.
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इन बातों का रखें ध्यान
साफ पानी पिएं: पानी शरीर के लिए बहुत जरूरी पदार्थ
है, ऐसे में
आपको साफ पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए, पानी को उबाल कर पीना बेहतर रहेगा.
मॉनसून के महीने में खुले पानी का इस्तमाल पिने के रूप में ना करें.
गंदे पानी को अपने पास जमा न होने दें: मानसून के मौसम में अक्सर पानी जमा हो
जाता है और बाद में यह मच्छरों का घर बन जाता है, इसलिए अपने पास किसी भी तरह का पानी
जमा न होने दें. लोग अक्सर कूलर में पानी जमा कर देते हैं और बाद में यह डेंगू का
मुख्य कारण बन जाते हैं.
नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.