जीनत अमान (Zeenat Aman) बॉलीवुड एक्ट्रेस (Bollywood Actress) और पूर्व मॉडल हैं. इन्होंने 1970 और 1980 के दशक के दौरान हिंदी फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनाई. लोगों को इनकी फिल्में और एक्टिंग बहुत पसंद आती थी. आज भी लोग इनकी फिल्मों को देखना पसंद करते हैं. बॉलीवुड (Bollywood) में अपनी शुरुआत करने पर जीनत अमान को परवीन बॉबी के साथ हिंदी सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्रियों को आधुनिक रूप देकर उनकी छवि पर स्थाई प्रभाव छोड़ने का श्रेय दिया गया है.

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जीनत अमान के व्यक्तिगत जीवन के बारे में जानें

जीनत अमान का जन्म मुंबई में 1951 में एक मुस्लिम पिता और हिंदू मां के घर पर हुआ था. बता दें कि जीनत की मां महाराष्ट्र की हैं. जीनत अभिनेता रजा मुराद की चचेरी बहन और अभिनेता मुराद की भतीजी हैं. जब जीनत अमान महज 13 वर्ष की थी तो उस समय उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. जीनत की मां ने बाद में हेंज नाम के एक जर्मन व्यक्ति से शादी की और जर्मन नागरिकता प्राप्त की. अगर जीनत की बात करें तो उन्होंने मजहर खान से शादी की थी. हालांकि जीनत का वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं रहा.

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जीनत अमान का फिल्मी सफर

जीनत का फिल्मी करियर साल 1971 में आई फिल्म हलचल से शुरू हुआ. इस फिल्म में उन्होंने एक छोटी सी भूमिका निभाई थी. इसके बाद 1971 में ही हंगामा में उनकी दूसरी संक्षिप्त भूमिका थी, लेकिन दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रही. इसके बाद दिवंगत अभिनेता देव आनंद ने उन्हें ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ में अपनी बहन का किरदार दिया. हरे रामा हरे कृष्णा में जीनत अमान ने आर डी बर्मन के गीत ‘दम मारो दम’ की सहायता से जेनिस के रूप में दर्शकों का दिल जीत लिया. दर्शकों को वह गाना बहुत ज्यादा पसंद आया और लोग आज भी इस गाने को सुनते हैं. उस फिल्म के लिए जीनत अमान को फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला.

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1970 के दशक में देव जीनत की जोड़ी लगभग आधा दर्जन फिल्मों में दिखी. इनमें हीरा पन्ना, इश्क इश्क इश्क, प्रेम शस्त्र, वारंट, डार्लिंग डार्लिंग और कलाबाज शामिल हैं. इन फिल्मों में वारंट सबसे ज्यादा सफल रही. साल 1973 की ‘यादों की बारात’ में ‘चुरा लिया है तुमने’ गीत से जीनत अमान बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गई.

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इसके बाद साल 1978 में शालीमार और सत्यम शिवम सुंदरम जैसी उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी और फ्लॉप हो गई. वहीं, उनकी फिल्म हीरालाल पन्नालाल और चोर के घर चोर ने सफलता हासिल की. साल 1978 में आई फिल्म डॉन भी उनकी सफल फिल्मों में से एक है. इनके अलावा धरम वीर, छलिया बाबू, द ग्रेट गैंबलर, कुर्बानी, अली बाबा और चालीस चोर, दोस्ताना और लावारिस, ये सभी फिल्में भी हिट रही.