मशहूर संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी (Pandit Bhajan Sopori) हमारे बीच नहीं रहे. 74 साल के पंडित भजन सोपोरी का निधन गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में हुआ. जहां उनका इलाज चल रहा था. उनके परिवार की ओर से जानकारी दी गई की वह अब इस दुनिया में नहीं रहे. वह काफी समय से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था.

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पंडित भजन सोपोरी का जन्म 1948 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था. वह एक महान संगीतकार और एक महान इंसान थे. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके बेटे अभय सोपोरी ने बताया कि, 22 जून को वह अपना 74वां जन्मदिन मनाते. भजन सोपोरी कैंसर से पीड़ित थे.

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गौरतलब है कि, पंडित भजन सोपोरी एक लेखक, कलाकार, संगीतज्ञ, शिक्षक और कवि थे. उन्हें जम्मू और कश्मीर की सस्कृति को देश के बाकी हिस्सों के साथ जोड़ने के लिए जाना जाता है. वह जब पांच साल के थे तो 1953 में उन्होंने अपना पहला प्रदर्शन किया था. उन्होंने अपने करियर में मिस्र, इंग्लैंड, जर्मनी और अमेरिका समेत कई देशों में प्रदर्शन किया.

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भजन सोपोरी ने अंग्रेजी साहित्य में एम ए ली थी. इसके बाद वो विदेश पढ़ने चले गए और उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत की पढ़ाई की. जिसके बाद वो अपनी दादा और पिता की संतूर वादक कला में शामिल हो गए. भजन सोपोरी जाने माने सूफियाना घराना से संबंध रखते है. पंडित भजन सोपोरी जी ने तीन रागों की भी रचना की है जिसमें राग लालेश्वरी, राग पटवंती और राग निर्मल रंजनी शामिल है.

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बता दें, पंडित भजन सोपोरी को वर्ष 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया. वहीं साल 2004 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. 2009 में उन्हें बाबा अलाउद्दीन खान पुरस्कार से सम्मानित किया गया. भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें 2011 में एमएन माथुर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. ऐसे ही उन्होंने अनेको अवार्ड जीते थे.