भारत में कई महान गायकों का जन्म हुआ है. इन महान गायकों में से एक किशोर कुमार भी हैं. देश में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो किशोर कुमार के बारे में न जानता हो और जिसने उनके गाने न सुने हों. अगर कोई व्यक्ति हिंदी गानों का शौकीन है और उसकी पसंदीदा लिस्ट में किशोर दा के गाने न हों ऐसा मुमकिन ही नहीं है. किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त, 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में एक बंगाली परिवार में हुआ था. उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था, फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल दिया था.  

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जब संजय गांधी ने किशोर दा के गानो पर लगाया था प्रतिबंध  

यह बात है साल 1975 में इमरजेंसी के दौर की. जब जय गांधी ने मशहूर फ़िल्मकारों को म्यूजिकल नाइट में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली इनवाइट किया था. जिसके बाद बॉलीवुड के कई लोग संजय गांधी के आमंत्रण पर दिल्ली पहुंच गए. लेकिन किशोर कुमार ने संजय गांधी के आमंत्रण को ठुकरा दिया और संजय गांधी को बताया भी नहीं कि वह क्यों नहीं आ सकते.

शशिकांत किणीकर ने किशोर कुमार की बायोग्राफी में बताया है, “संजय गांधी ने इसे अपना निजी अपमान माना था और सूचना और प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ल को बुला कर कहा था कि किशोर के गाने किसी भी सरकारी संचार माध्यम में नहीं बजाए जाएं.”

नतीजा ये हुआ कि ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर कुमार के गाने बजने बंद हो गए. इसके अलावा जिन फ़िल्मों में किशोर कुमार ने गाने गाए थे, उन्हें सेंसर ने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया.

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किशोर दा के साथ काम करना मुश्किल होता था: लता मंगेशकर  

जब लता मंगेशकर से पूछा गया था कि आपको किस गायक के साथ ड्यूट (Duet) करने में सबसे ज्यादा मजा आता है तो उन्होंने जवाब में कहा था किशोर कुमार. लेकिन लता मंगेशकर ने माना था कि उन्हें किशोर के साथ ड्यूट गाने में बहुत दिक्कत भी होती थी.

लता मंगेशकर के अनुसार, “उनके गाने के तरीके से मुझे कोई समस्या नहीं थी. मगर जिस तरह वो हंसाते-हंसारे पेट में दर्द करा देते थे, उससे मुश्किलें पैदा होती थीं. आप कितना भी सीरियस क्यों न हों, जब आप अंतरों में तान ले रहे हों या हरकत दिखा रहे हों, किशोर दा कोई ऐसा बेवकूफ़ी भरा इशारा करते थे, जिससे आपका ध्यान गाने से हट जाए.”

आठ फिल्मफेयर पुरस्कार जीते

एक गायक के रूप में किशोर कुमार का काफी सफल करियर रहा. कुल 27 बार उनका नाम फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ गायक के पुरस्कार के लिए दिया गया. उसमें से 8 बार उन्होंने ये पुरस्कार जीतकर अपने नाम किया.

58 साल की उम्र में 13 अक्टूबर 1987 को हार्ट अटैक के चलते किशोर कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन 1981 का वो गाना ‘छू कर मेरे मन को’ हो या ‘मेरी भीगी भीगी सी’ उनके ऐसे कई गाने हम सब के बीच हमेशा के लिए अमर हो गए हैं.

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