दिग्गज एक्टर दिलीप कुमार का निधन 7 जुलाई की सुबह को हो गया. वह लंबे समय से बिमार चल रहे थे. दिलीप कुमार बॉलीवुड के महानतम एक्टर्स में से एक थे. वह न केवल हिंदी सिनेमा के शुरुआती सुपरस्टारों में से एक थे, बल्कि उन सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक थे जिन्हें भारत ने देखा है. उनका बॉलीवुड में 50 साल से अधिक का सफर 1944 में आई फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से शुरू हुआ था.

हालांकि उनकी 5 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को चुनना बहुत मुश्किल है, लेकिन हमने दिलीप कुमार की कुछ बेहतरीन फिल्मों का जिक्र किया है.

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देवदास

जब हम ‘देवदास’ की बात करते हैं तो हम संजय लीला भंसाली की 2002 की फिल्म के बारे में सोचते हैं, जिसमें अभिनेता शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित ने अभिनय किया था. लेकिन 1955 में दिलीप कुमार की ‘देवदास’ ने पहले ही काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उस फिल्म में अभिनेत्री सुचित्रा सेन ने ‘पारो’ और वैजयंतीमाला ने ‘चंद्रमुखी’ का किरदार निभाया था. दिलीप कुमार की ‘देवदास’ की सफलता ही थी कि 2002 में इस फिल्म का रीमेक बनाया गया.

मुगल-ए-आजम

इस फिल्म में बादशाह अकबर के बेटे ‘सलीम’ को एक खूबसूरत तवायफ ‘अनारकली’ से प्यार हो जाता है. सलीम उसके साथ रहने का संकल्प कर लेता है, लेकिन उसके पिता को ये रिस्ता मंजूर नहीं होता है. फिल्म के डायरेक्टर के. आसिफ और शापूरजी पल्लोनजी इसके प्रोड्यूसर थे. दिलीप कुमार ने ‘सलीम’ की और मधुबाला ने ‘अनारकली’ की भूमिका निभाई थी.

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गंगा जमना

बतौर प्रोड्यूसर ये दिलीप कुमार की इकलौती फिल्म है. कहानी एक निर्दोष व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जो डकैत बनने को मजबूर हो जाता है. यह 1960 के दशक की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के मामले में सबसे सफल भारतीय फिल्मों में से एक थी. फिल्म को क्रिटिक की प्रशंसा मिली और इसे अब तक की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है.

नया दौर

निर्देशक बलदेव राज चोपड़ा की ‘नया दौर’ दिलीप कुमार की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक थी. इस फिल्म में मनुष्य बनाम मशीन के कॉन्सेप्ट को अत्यंत ईमानदारी के साथ दिखाया गया था. इसके गाने अभी भी लोकप्रिय हैं, खासकर ‘मांग के साथ तुम्हारा’.

‘नया दौर’ भी उन दो ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों में से एक है, जिन्हें कलर वर्जन में भी रिलीज़ किया गया है. दूसरी भी दिलीप कुमार की फिल्म ‘मुगल-ए-आज़म’ है.

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कर्मा

अपनी आखिरी फिल्म ‘विधाता’ की सफलता के बाद सुभाष घई और दिलीप कुमार ने मिलकर ‘कर्मा’ बनाई. फिल्म में एक आतंकवादी को दिखाया गया है, जो एक जेलर के परिवार की हत्या कर देता है. अपने परिवार की हत्या का बदला लेने के लिए जेलर सजा-ए-मौत पा चुके तीन कैदियों की मदद लेता है.

फिल्म में तीन कैदियों का रोल जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर और नसीरुद्दीन शाह ने किया है. अनुपम खेर फिल्म में विलेन ‘डॉ डैंग’ के किरदार में हैं.

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