मुकेश धीरूभाई अंबानी (Mukesh Ambani) एक भारतीय अरबपति उद्योगपति हैं. वह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, जो एक फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनी है और बाजार मूल्य के हिसाब से भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है. फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, 20 अगस्त 2022 तक अंबानी की कुल संपत्ति 92.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई, जिससे वह गौतम अडानी के बाद एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति और दुनिया के 11वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. 

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मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल 1957 को ब्रिटिश क्राउन कॉलोनी अदन (वर्तमान यमन) में एक गुजराती हिंदू परिवार में धीरूभाई अंबानी और कोकिलाबेन अंबानी के घर हुआ था. उद्योगपति अनिल अंबानी उनके छोटे भाई हैं और दो बहनें- नीना भद्रश्याम कोठारी और दीप्ति दत्ताराज सालगांवकर हैं. 

मुकेश अंबानी शिक्षा योग्यता

मुकेश अंबानी ने अपने भाई और आनंद जैन के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित हिल ग्रेंज हाई स्कूल में पढ़ाई की, जो बाद में उनके करीबी सहयोगी बन गए. अपनी माध्यमिक स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री प्राप्त की. 

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मुकेश अंबानी ने बाद में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए के लिए दाखिला लिया, लेकिन 1980 में अपने पिता को रिलायंस बनाने में मदद करने के लिए वापस ले लिया, जो उस समय एक छोटा लेकिन तेजी से बढ़ने वाला बिज़नेस बन चुका था. 

मुकेश अंबानी परिवार

मुकेश अंबानी ने 1985 में नीता अंबानी से शादी की. उनके दो बेटे-आकाश और अनंत और एक बेटी ईशा है. जो बड़े बेटे आकाश की जुड़वां बहन हैं.

रिलायंस इंडस्ट्रीज को इस नाम की पहचान भले 1985 में मिली हो, लेकिन इसके व्यापार की नींव मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी ने काफी पहले ही रख दी थी. आज के समय में रिलायंस इतना ऊपर तक ले जाने में मुकेश अंबानी का श्रेय बहुत बड़ा है.

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अपने पिता के साथ मुकेश अंबानी ने 18 वर्ष की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था. इसके लिए उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई भी बीच में छोड़ दी. 1985 में कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड से बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया था. 2002 में धीरूभाई का निधन हो गया और उनके निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान संभाली.

वर्ष 2002 में धीरूभाई का निधन होने के बाद मुकेश और उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच कारोबार का बंटवारा 2005 में होना लगभग तय हो गया. इसी वर्ष में कारोबार के बंटवारे के बाद बड़े बेटे मुकेश को विरासत में रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम मिला था, जबकि छोटे भाई अनिल अंबानी ने एक अलग ग्रुप ‘रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप’ बनाया.

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बना रहा टेलीकॉम कंपनी का सपना

दोनों भाइयों के बंटवारे के बाद वर्ष 2005 में टेलीकॉम बिजनेस (Telecom Business) अनिल अंबानी के खाते में गया. हमेशा से ही मुकेश अंबानी ही टेलीकॉम के क्षेत्र काम करना चाहते थे. दोनों भाइयों के बंटवारे से पहले इसके लिए जो कंपनी रिलायंस इंफोकॉम बनी थी उसमे 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी मुकेश और नीता अंबानी की थी.

इस बात से ये में पता चलता है कि बिजनेस में उनकी कितनी रुचि थी. बंटवारे की शर्तों के अनुसार, जब मुकेश अंबानी के लिए टेलीकॉम सेक्टर में काम करना मुनासिब हुआ, तो उन्होंने Jio Infocom की शुरुआत की. Jio Netork का इस समय बाजार में ये दबदबा है कि देश में सबसे ज्यादा ग्राहक Jio के हैं. 

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Reliance पर नहीं कोई कर्ज

आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश में इस समय रिलायंस इंडस्ट्री सबसे बड़ी कंपनियों में एक तो है ही इसके अलावा ऐसी कंपनी भी है, जिस पर अब काई कर्ज नहीं है. मुकेश अंबानी ने पिछले वर्ष जुलाई में कंपनी की एजीएम में रिलायंस के Net Debt Free कंपनी बनने का ऐलान किया था. Net Debt Free का मतलब ये नहीं हुआ कि कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है.