सरकार ने EPF सब्सक्राइबर्स को तगड़ा झटका दे दिया है. आम लोगों के लिए ईपीएफ में पैसा रखना एक मजबूत इनवेस्टमेंट है. लेकिन केंद्र सरकार ने आम लोगों के निवेश पर तगड़ा चोट किया है. दरअसल, सरकार ने EPF की ब्याज दर में कटौती की है. अब नया ब्याज दर पिछले चार दशक यानी 40 साल में सबसे कम ब्याज दर पर पहुंच गया है. इससे सरकार ने रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ के करीब पांच करोड़ सब्सक्राइबर्स को तगड़ा झटका दे दिया है.

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EPF पर ब्याज दर की कटौती का ऐलान 3 जून 2022 को की गई. जिस पर सरकार ने मंजूरी भी दे दी और ईपीएफ ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है. अब EPF पर नई ब्याज दर 8.1 प्रतिशत है जबकि, वित्त वर्ष 2020-21 में ये दर 8.5 प्रतिशत थी. लोगों को ऐसा लगा था कि काफी समय से ये ब्याज दर कम है तो सरकार राहत देते हुए इस ब्याज को बढ़ाएगी लेकिन इसके उलट सरकार ने ब्याज को कम कर दिया है.

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ईपीएफ ब्याज दर 44 साल के निचले स्तर पर

आपको बता दें, सरकार ने जो ईपीएफ पर ब्याज दर तय किये हैं वह 44 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. 1977-78 में यह दर 8 फीसदी थी. अब यह 8.1 प्रतिशत है. यहां देखें की कब कितना ब्याज दर रहा है.

1977-78: 8 प्रतिशत

2011-12: 8.25 प्रतिशत

2012-13: 8.5 प्रतिशत

2013-14: 8.75 प्रतिशत

2014-15: 8.75 प्रतिशत

2015-16: 8.8 प्रतिशत

2016-17: 8.65 प्रतिशत

2017-18: 8.55 प्रतिशत

2018-19: 8.65 प्रतिशत

2019-20: 8.5 प्रतिशत

2020-21: 8.5 प्रतिशत

2021-22: 8.1 प्रतिशत

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सरकार की मंजूरी के बाद ईपीएफओ सभी ईपीएफ खाताधारकों के खाते में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ब्याज क्रेडिट करना शुरू कर देगा.