सरकार की तरफ से पिछले दिनों पेट्रोल–डीजल पर
एक्साइज ड्यूटी (Petrol-Diesel
Excise Duty Cut) को कम करते हुए आम जनता को खुशी देने की कोशिश
की गयी थी. वहीं अब एक और खुशखबरी निकल कर सामने आ रही है. इस बार यह खुशखबरी राष्ट्रीय
नहीं बल्कि अतर्राष्ट्रीय स्तर से मिलने वाली है. इस खबर को पढ़कर आप वाकई खुश हो
जाएंगे. जी हां, आपको
बता दें अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के रेटों में कमी
आने की संभावना जताई जा रही है.
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OPEC+
देशों का हितकारी फैसला
क्रूड ऑयल की लगातार बढ़ती कीमतों को नीचे लाने
के लिए ओपेक प्लस देशों (OPEC+)
की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है. बता दें, क्रूड ऑयल 112-118 डॉलर
प्रति बैरल की रेंज में बना हुआ है. पिछले कुछ महीनों में क्रूड ऑयल के दाम नई
ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. तेल की बढ़ती कीमत से महंगाई का ग्राफ भी बढ़ रहा है. लेकिन
अब OPEC+ देशों ने क्रूड
ऑयल के दामों को आसमान से जमीन पर लाने का फैसला लिया है.
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क्रूड के भाव में गिरावट के आसार
तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) और रूस समेत
अन्य सहयोगी देशों ने जुलाई-अगस्त से कच्चे तेल का उत्पादन (Crude Oil Production Hike) बढ़ाने
का फैसला कर लिया है. इस फैसले से ऐसा माना जा रहा है कि क्रूड के भाव में कमी देखने
को मिलेगी. OPEC+ देशों
ने जुलाई-अगस्त में 6.48 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल उत्पादन करने का निर्णय
किया है.
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लॉकडाउन में कच्चे तेल की खपत में आई थी कमी
OPEC+ देशों
के इस फैसले से पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आने की संभावना जतायी जा रही है.
इसका असर यह हो सकता है कि बढ़ती महंगाई से प्रभावित हो रही दुनियाभर की
अर्थव्यवस्था को थोड़ी राहत मिल सके. साल 2020 में कोरोना महामारी के समय लॉकडाउन
लगने पर सब कुछ थम सा गया था, जिससे कच्चे तेल की खपत में भारी कमी आई थी. इससे
क्रूड (Crude Oil Price) का
भाव भी नीचे आ गया था. उस समय दाम को स्थिर रखने के लिए OPEC+ देशों ने कच्चे
तेल के उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया था.
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अमेरिका में कच्चे तेल के दामों में 54 फीसदी उछाल
अभी OPEC+ देश रोजना 4.32 लाख बैरल प्रतिदिन क्रूड ऑयल
का उत्पादन कर रहे हैं. इसे अगले महीने से 2.16 लाख बैरल बढ़ाकर 6.48 लाख बैरल प्रतिदिन
करने पर सहमति बन गयी है. रिपोर्रट्स की मानें, तो OPEC+ देश अभी क्रूड प्रोडक्शन बढ़ाने के मूड में
नहीं थे. लेकिन, अमेरिका
में पेट्रोल के दामों में आई रिकॉर्ड महंगाई के बाद यह निर्णय लिया गया है. बता
दें, 2022 की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कच्चे तेल के दाम 54 फीसदी महंगे हो
चुके हैं.
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OPEC के
फैसला लेने के बाद से न्यूयॉर्क में क्रूड का भाव 0.9% तक गिरकर 114.26 डॉलर प्रति
बैरल पर आ गया है. कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने से ईंधन के आसमान छूते
दामों में जरूर राहत मिलेगी. साथ ही महंगाई से राहत मिलने के भी आसार हैं.