Chaitra Navratri 2023: 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. देशभर में मां दुर्गा के मंदिरों में भक्त हर दिन दर्शन के लिए जा रहे हैं और मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा कर रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा धरती पर आती हैं और सच्चे मन से पूजा करने वालों के घर में निवास करती हैं. नवरात्रि के समय में हर शुभ काम भी किए जाते हैं जिसमें मुंडन, रोका, गृह प्रवेश, भूमि पूजन और भी बहुत कुछ लेकिन शादियां नहीं की जाती हैं. इसके पीछे भी कुछ धार्मिक कारण हैं जिसके बारे में विस्तार से चलिए आपको बताते हैं.

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चैत्र नवरात्रि के शुभ दिनों में क्यों नहीं होती शादियां? (Chaitra Navratri 2023)

ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन जैसे शुभ काम करने से सफलता मिलती है. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का प्रभाव अधिक रहता है. ऐसी मान्यता है कि इन दिनों देवी मां की साधना करने से भक्तों की समस्य समस्या दूर होती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, दुर्हा पूजा के कड़े नियम भी हैं जिसमें पूजा पाठ करने से फल तभी प्राप्त होता है जब मां दुर्गा का स्मरण तन-मन-धन में शुद्धता होती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा पृथ्वी पर आती हैं और घर घर में मां का वास होता है. ऐसे में महिला-पुरुष का सहवास करना सही नहीं होता है और विवाह का मुख्य कारण यही होता है. इसलिए नवरात्रि के दिनों में विवाह करने का प्रावधान नहीं है. नवरात्रि के दिनों में शादी की तैयारियां की जा सकती हैं, सगाई हो सकती है और भी शुभ काम हो सकते हैं लेकिन शादी करने का यही मात्र कारण शास्त्रों में बताया गया है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें, 22 मार्च से शुरू हुए नवरात्रि 30 मार्च को राम नवमी के साथ खत्म होंगे. ऐसा माना जाता है कि अयोध्या नरेश दशरथ के यहां चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की नवमी पर भगवान राम का जन्म हुआ था. इसी खुशी में अयोध्या में इस दिन को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और देशभर में रामभक्त उनके जन्म का उत्सव मनाते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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