Tulsi Vastu Tips in Hindi: हिंदू धर्म में तुलसी (Tulsi) के पौधे का विशेष महत्व होता है. ऐसे में तुलसी से जुड़े कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है. कई बार ऐसा होता है कि हमें पूजा-पाठ के लिए तुलसी के पत्ते तोड़ने पड़ते हैं. ऐसे में तुलसी के पत्तों को तोड़ते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आपको तुलसी के पत्ते (Tulsi Vastu Tips) तोड़ते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान रखने वाले लोगों के अनुसार, तुलसी का पौधा पूजनीय है इसीलिए इसके पत्तों को तोड़ने से पहले शास्त्रों में बताई गई बातों को ध्यान में रखना चाहिए.

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नाखून से नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते

हमारे यहां कई ऐसे लोग हैं जो तुलसी का पत्ता तोड़ने के लिए नाखून को इस्तेमाल में लेते हैं. बता दें कि ये तरीका बहुत गलत है. तुलसी के पत्तों को तोड़ने के लिए नाखून की जगह पर उंगली की पोर का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ ही गमले में पहले से झड़े हुए पत्तों को भी आप इस्तेमाल में ले सकते हैं.

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इस दिन नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते

शास्त्रों की मानें तो रविवार के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. अमावस्या, चतुर्दशी और द्वादशी के दिन भी तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए वरना आपको पाप लग सकता है.

किस समय नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते?

सूर्यदेव के अस्त होने के बाद तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए. वास्तु शास्त्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि शाम के समय देवी तुलसी जिन्हें राधा का स्वरूप माना गया है, वे वन में श्री कृष्ण के साथ रास रचाने जाती है. इसके अतिरिक्त चंद्र और सूर्य ग्रहण के समय भी तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ा जाता है.

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कब नहीं छूनी चाहिए तुलसी?

तुलसी को हमेशा स्नान करने के बाद साफ-सुथरे हाथों से ही छूना चाहिए. अगर तुलसी के पत्ते पहले से ही टूटे हुए गमले में पड़े हैं तो उन्हें भी हाथ साफ करके ही छूना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)