Surya Dev Puja Vidhi: हिंदू धर्म में प्रकृति की हर चीज से प्यार करने का पाठ पढ़ाया जाता है. पंचतत्व के सभी सार की पूजा करने का विधान है. सूर्य देव उनमें से एक हैं और उनकी पूजा रविवार यानी संडे के दिन करना शुभ होता है. सूर्य का पर्यायवाची शब्द रवि है और ऐसी मान्यता है कि रविवार के दिन उनकी पूजा विधिवत करने से उनकी विशेष कृपा बरसती है. सूर्य देव की पूजा विधिवत करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. तो चलिए आपको सूर्यदेव की पूजा विधि के बारे में कुछ अहम बातें बताते हैं.
कैसे करते हैं सूर्य देव की पूजा? (Surya Dev Puja Vidhi)
रविवार को सूर्यदेव की अराधना करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन सूर्य देव की पूजा करने वालों की मनोकामनाएं पूरी होती है. सूर्य देव के दर्शन के बिना तो इस दिन की शुरुआत नहीं करनी चाहिए लेकिन इसी के साथ अगर हम सूर्य देव की पूजा इन विधि से कर लें तो विशेष कृपा बनी रहती है.
1.सूर्यदेव की पूजा के लिए तांबे की थाली और तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए. थाली में भोग, फूल, फल रखें और लोटे में दूध-पानी करके अर्घ्य दें.
2.जल में लाल चंदन और लाल फूल भी रखें ऐसी मान्यता है कि सूर्यदेव इन सभी चीजों से प्रेम करते हैं. सूर्यदेव को प्रकृति की चीजें चढ़ाएं.
3.सूर्यदेव को जल चढ़ाते हुए ॐ सूर्याय नमः का मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्र का जाप कम से कम 11 और ज्यादा से ज्यादा अपनी सामर्थ्य के हिसाब से करें.
4.अर्घ्य अर्पित करते समय आपकी नजरें लोटे के जल की धारा की ओर रखें. जल की धारा सूर्यदेव से चमकती है और उसपर नजरें रखने से आपको सूर्यदेव के दर्शन होंगे.
5.इसके बाद सूर्य चालिसा पढ़ें और आरती गाते हुए करें. इसके बाद सात प्रदक्षिणा करते हुए हाथों को जोड़कर प्रणाम करें. इसके साथ ही आपकी सूर्यदेव की पूजा पूरी हो जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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