ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की शुरुआत 20 मई 2023 से हो रही है. ज्येष्ठ माह के इस पखवाड़े में विनायक चतुर्थी भी पड़ रही है. आपको बता दें कि ये व्रत गणेश जी को समर्पित माना गया है. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना गया है. मान्यतानुसार, इस बार विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2023) के अवसर पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है. इस बार ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी का व्रत 23 मई 2023 को रखा जाएगा. इस दिन गणपति जी के सिद्धि विनायक रूप की पूजा करने का विधान है. मान्यता है जो व्रती सिद्धि विनायक की उपासना करते हैं, उनके सभी कार्य बिना किसी रुकावट के सफल होते हैं.

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गणेश जी और हनुमान जी की पूजा का संयोग

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष पर पड़ने वाली विनायक चतुर्थी पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है. क्योंकि इसी दिन ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल (Bada Mangal 2023) व्रत भी रखा जाएगा. ऐसे में गौरी पुत्र गणेश और बजरंगबली के आशीर्वाद से साधक के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे. राहु-केतु से मुक्ति पाने के लिए गणपति की पूजा और मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान जी की पूजा करना बहुत ही शुभ एवं कल्याणकारी माना गया है.

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विनायक चतुर्थी पूजा विधि (Vinayak Chaturthi Puja Vidhi)

1- विनायक चतुर्थी व्रत में प्रातः काल स्नानादि करके लाल या पीले वस्त्र धारण करने चाहिए.

2- इसके बाद अब पूजा स्थल पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करना चाहिए तथा सिंदूर से उनका तिलक लगाना चाहिए.

3- इसके बाद उनकी अति प्रिय चीज दूर्वा, फल, फूल और मिष्ठान अर्पित करनी चाहिए.

4- तत्पश्चात् गणेश जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए.

5- अंत में प्रणाम कर प्रसाद वितरण करते हुए भगवान का आशीर्वाद और पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर अगले दिन पंचमी तिथि में व्रत का पारण करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)