Shravan Month and Lord Shiva: सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो चुका है और ये 31 अगस्त तक चलने वाला है. असल में हर 3 साल में अधिकमास लगता है और इस बार अधिकमास लगा है इस वजह से 59 दिनों का सावन का महीना पड़ा है. अगर देखा जाए तो सावन तो सिर्फ 1 ही महीने का है जो 4 जुलाई से 17 जुलाई तक रहा और 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा. बीच का एक महीना अधिकमास रहेगा लेकिन इस महीने में भगवान विष्णु और भगवान शंकर दोनों की पूजा का विधान है. वैसे तो सावन का महीना भगवान शिव के लिए अतिप्रिय माना जाता है, इसी वजह से सावन के सोमवार बहुत ही प्रभावशाली होते हैं. लेकिन ऐसा क्यों है और इसके पीछे का रहस्य क्या है चलिए आपको बताते है.

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सावन माह को क्यों कहते हैं भगवान शंकर का प्रिय महीना? (Shravan Month and Lord Shiva)

धार्मिक मान्‍यताओं में बताया गया है कि राजा दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह करने के बाद माता सती का दूसरा जन्म माता पार्वती के रूप में हुआ था. माता पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था जिसके चलते सावन के माह में शिवजी ने माता से विवाह किया था. इसलिए उन्हें यह माह प्रिय है. इस संबंध में ब्रह्मा के पुत्र सनत कुमारों ने शिवजी से प्रश्न किया था कि आपको सावन का माह क्यों प्रिय है तो शिवजी ने उपरोक्त बात बताई थी. धार्मिक मान्‍यताओं में यह भी बताया गया है कि कई जगहों पर बारिश के दौरान शिवलिंग पानी में डूबा रहता है. शिवलिंग के ऊपर एक कलश लटकता है, जिससे बूंद-बूंद पानी टपकता है, उसे जलधारी कहते हैं.

Sawan Third Somwar 2023
4 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही. (फोटो साभार: pexels)

जहां प्रकृति का शिवलिंग है, वहां जलधारा भी है. शिव के मस्तक पर चंद्रमा और गंगा मैया विराजमान हैं, जिनका संबंध केवल जल से है. कैलाश पर्वत के चारों ओर बर्फ जमी हुई है और उसमें मान सरोवर है. जल शिव को बहुत प्रिय है, जबकि विष्णु जल में ही निवास करते हैं. यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव सावन के महीने में धरती पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत अर्ध्य देकर, जलाभिषेक कर किया गया था. अत: माना जाता है, कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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