Sankashti Chaturthi: संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा होती है. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथी यानी कि दिनांक 09 अप्रैल को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi)  है. इस दिन सुबह से ही भद्र लग रही है. इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और चंद्रमा की पूजा करते हैं. चंद्रमा की पूजा के लिए इस दिन भक्तजन काफी इतंजार करते हैं. तो चलिए आप संकष्टी चतुर्थी के दिन का पूजा के सारे सयम के जान लीजिए. कब भद्रा काल है, चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय क्या है और सिद्धिय योग पूजा का समय क्या है.

सिद्धि योग पूजा कब से कब तक

विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन सिद्धि योग की पूजा करना महत्वपूर्ण माना जाता है. सिद्धि योग की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसे में सिद्धि योग का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर रात 10:14 मिनट तक रहेगा. ये समय बहुत शुभ है.

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Sankashti Chaturthi में भद्र और अर्घ्य देना का समय

चतुर्थी तिथि दिनांक 09 अप्रैल दिन रविवार को सुबह 09:35 मिनट से लेकर इसका समापन दिनांक 10 अप्रैल को सुबह 08:37 मिनट पर होगा. इसके मुताबिक, 9 अप्रैल को रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देना महत्वपूर्ण हैं. इस दिन भद्रा का समय सुबह 06:03 से लेकर सुबह 09:35 तक है.

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भगवान गणेश की पूजा करने से उन्नति और धन की प्राप्ति होती है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 10 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट रहेगा.इन दोनों मुहूर्त में आप गणेश जी की पूजा कर सकते हैं.

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इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने का शुभ समय देर रात 10:02 मिनट पर होगा. इस समय आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं.