Ram Navami 2023: हिंदू धर्म में भगवान राम को विशेष महत्व दिया गया है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के 10 अवतारों में श्रीराम का सातवां अवतार था. उनका जन्म रावण वध करने और समाज का उद्धार करने के लिए हुआ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम का जन्म चैत्र  माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या से जन्में थे और उनके तीन भाई थे. उनके नाम भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न था. राम नवमी श्री राम के जन्म दिवस को कहते हैं लेकिन ऐसा बताया जाता है कि राम नवमी साल में दो बार मनाई जाती है. चलिए आपको इसकी वजह बताते हैं.

यह भी पढ़ें: Ram Navami Shayari 2023: राम नवमी पर दोस्तों को भेजें ये बेहतरीन शायरियां, सभी हो जाएंगे खुश

साल में दो बार क्यों मनाई जाती है राम नवमी? (Ram Navami 2023)

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्री राम अयोध्या में सूर्यवंशी राज्य के राजा दशरथ के बड़े बेटे थे. उनका जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. हिंदू पंचांग में बताया गया है कि इस दिन चैत्र महीने में चंद्रमा की पूर्णिमा का चरण भी था. इस दिन को बहुत पवित्र मानते हैं और इसलिए इसे पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. चैत्र नवरात्रि की नवमी के दिन ही रामनवमी मनाई जाती है जो इस साल 30 मार्च को है. लेकिन सवाल ये है कि साल में दो बार राम नवमी कैसे मनाई जा सकती है जबकि श्रीराम का जन्म तो एक बार ही हुआ होगा. तो आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि में राम नवमी रावण के वध के रूप में मनाते हैं.

यह भी पढ़ें: Ram Navami 2023 Upay: राम नवमी पर कर लें इस मंत्र का जाप, फिर होगी धन की वर्षा!

कैसा था श्रीराम का व्यक्तित्व?

भगवान काम के व्यक्तित्व की व्याख्यान पौराणिक कथाओं में है और उन्हें पुरुषों में उत्तम पुरुषोत्तम कहा जाता है. श्रीराम एक आदर्शवादी पुरुष थे जिन्होंने मां के कहने पर 14 सालों का वनवास स्वीकार किया, पत्नी धर्म पूरा करने के लिए रावण का वध कर दिया और प्रजा के प्रति धर्म निभाने के लिए अपनी ही पत्नी माता सीता से दूर रहे. श्रीराम ने अपने जीवन में कई मिसाल कायम की जो आज के लोग सोच भी नहीं सकते.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

यह भी पढ़ें: Ram Navami 2023: किस तारीख को पड़ेगी राम नवमी? जानें पूजा करने का सही समय और महत्व