Pongal 2023: पोंगल (Pongal) का त्योहार (Festival) हर साल सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है. जहां उत्तर भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) और लोहड़ी (Lohri) मनाई जाती है, वहीं दक्षिण भारत में पोंगल को लेकर खासा उत्साह रहता है. पोंगल का त्योहार खेती और फसलों से जुड़ा हुआ है. इस दिन भगवान सूर्यदेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. आस्था और समृद्धि के प्रतीक पोंगल का त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है. पोंगल के प्रत्येक दिन का एक अलग नाम होता है. आइए जानते हैं इस साल कब मनाया जाएगा पोंगल.

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कब है पोंगल?

इस बार देश में थाई पोंगल रविवार यानी 15 जनवरी 2023 को धूमधाम से मनाया जाएगा. वहीं मकर संक्रांति 14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा.

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4 दिनों तक मनाया जाता है पोंगल का त्योहार

पोंगल का त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है. त्योहार के पहले दिन को बोगी पंडिगई के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग अपने घर की साफ-सफाई करते हैं और अपनी पुरानी और अनुपयोगी चीजों को जलाकर त्योहार की शुरुआत करते हैं. इसी परंपरा के साथ लोहड़ी पूरे उत्तर भारत में धूमधाम से मनाई जाती है. त्योहार का दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन थाई पोंगल है, जो सूर्य (सूर्य) की पूजा करके और सकरई पोंगल के पारंपरिक व्यंजन के साथ मनाया जाता है. त्योहार के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के रूप में मनाया जाता है, जिसमें अनुयायी आते हैं और मवेशियों की पूजा करते हैं. त्योहार का आखिरी दिन परिवार के सदस्यों के एक साथ मिलने और जश्न मनाने के साथ समाप्त होता है.

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पोंगल में बनाए जानें वाला पकवान

सकरई पोंगल के पहले दिन बनाई जाने वाली एक मीठी डिश है. इसे भोग के रूप में बनाया जाता है. इसे चावल, दूध, घी और गुड़ से तैयार किया जाता है. यह एक तरह का हलवा होता है. इसे सजाने के लिए मेवों का इस्तेमाल किया जाता है.

मेदू वड़ा एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है जिसे नाश्ते के रूप में खाया जाता है. इसे मुख्य रूप से पोंगल के त्योहार पर ही बनाया जाता है. इसके अलावा अवियल करी और पल पायसम भी बनाए जाते हैं.