Pongal 2023: पोंगल (Pongal) का त्योहार (Festival) हर साल सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है. उत्तर भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) और लोहड़ी (Lohri) मनाई जाती है, वहीं दक्षिण भारत में लोग पोंगल मनाते हैं. पोंगल का त्योहार खेती और फसलों से जुड़ा हुआ है. इस दिन भगवान सूर्यदेव की विशेष पूजा की जाती है. आस्था और समृद्धि के प्रतीक पोंगल का त्योहार चार दिनों तक मनाया जाता है. पोंगल के प्रत्येक दिन का एक अलग नाम होता है. आइए जानते हैं क्यों मनाया जाता है पोंगल और इस साल कब मनाया जाएगा पोंगल.

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क्यों मनाया जाता है पोंगल?

दक्षिण भारत में धान की फसल कटने के बाद लोग खुशी प्रकट करने के लिए पोंगल का त्योहार मनाते हैं और भगवान से आगामी फसल के अच्छे होने की प्रार्थना करते हैं. चार दिन तक चलने वाले पोंगल के त्योहार को तमिलनाडु में नए साल के रूप में भी मनाया जाता है. यह त्योहार तमिल महीने ‘ताई’ की पहली तारीख से शुरू होता है. इस पर्व में इंद्र देव और सूर्य की पूजा की जाती है. पोंगल का त्योहार संपन्नता को समर्पित है. पोंगल में समृद्धि के लिए वर्षा, धूप और कृषि से संबंधित चीजों की पूजा अर्चना की जाती है.

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पोंगल कब है?

इस साल पोंगल का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. यह पर्व 15 जनवरी से शुरू होगा और 18 जनवरी 2023 को समाप्त हो जाएगा. इसे चार दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है.

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ऐसे मनाते हैं पोंगल

पोंगल को दक्षिण भारत में नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. माना
जाता है कि इसका इतिहास 1000 साल से भी पुराना है. यह पर्व चार
दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें पहले दिन भेगी पोंगल, दूसरे
दिन सूर्य पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल और चौथे दिन कन्या पोंगल मनाया जाता है. इसे
नए साल की शुरुआत भी माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)